25 April, 2025 (Friday)

बेहद शुभ है इस साल की पहली भौमवती अमावस्या, जानें स्नान-दान मुहूर्त और महत्व

आज (21 मार्च) स्नान दान श्राद्धादि की अमावस्या है। पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 21 मार्च दिन मंगलवार को 01 बजकर 47 मिनट पर प्रारंभ हो रही है और यह तिथि 21 मार्च को ही रात 01 बजकर 52 मिनट पर खत्म हो जाएगी।  पुराणों के आधार पर सोमवार, मंगलवार या बृहस्पतिवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या विशेष रूप से पवित्र मानी जाती है। आज मंगलवार का दिन है और मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमास्या के नाम से जाना जाता है। आइए जानते हैं भौमवती अमावस्या की तिथि, स्नान-दान मुहूर्त और महत्व।

भौमवती अमावस्या 2023 स्नान-दान मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 04 बजकर 49 मिनट से सुबह 05 बजकर 37 मिनट तक है।  हालांकि इसके बाद भी स्नान दान का कार्यक्रम चलता है।

भौमवती अमावस्या की पूजा

भौमवती अमावस्या के दिन स्नान के बाद सबसे पहले पितरों की पूजा करते हैं। उनको तर्पण, पिंडादान आदि करते हैं। इस दिन लोग हनुमान जी कि भी पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से मंगल ग्रह दोष दूर होते हैं। इसके साथ ही भौमवती अमावस्या पर मंगल के बीज मंत्र या उससे जुड़ी वस्तुओं का दान करना भी शुभ माना जाता है।

भौमवती अमावस्या महत्व

कर्ज से मुक्ति पाने के लिए भौमवती अमावस्या का बहुत ही महत्व है। साथ ही किसी भी अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य करना शुभफल देने वाला होता है। इस दिन प्रयागराज के संगम पर स्नान-दान का करने का भी महत्व होता है। साथ ही इस दिन कई धार्मिक तीर्थों पर बड़े-बड़े मेलों का आयोजन भी किया जाता है। साथ ही इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से संकट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं।

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