Bharat Bandh in UP: भारत बंद पर अखिलेश यादव तथा प्रियंका गांधी केंद्र सरकार पर बरसे
कृषि कानून के खिलाफ किसानों के भारत बंद में किसानों से अधिक सक्रिय राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। बंद बेअसर होने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर गुस्सा निकाला है।
कृषि कानून के विरोध में किसानों के भारत बंद को 11 राजनीतिक दलों के साथ समर्थन देने वाले समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस से केंद्र सरकार को किसान विरोधी तथा अरबपति लोगों की समर्थक बताया है। इसको लेकर अखिलेश यादव तथा प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है।
अखिलेश यादव का शायराना अंदाज
कृषि कानून के विरोध में भारत बंद के दौरान मंगलवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शायराना अंदाज में ट्वीट करके भाजपा सरकार पर तंज कसा। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, अपनी जमीं की खातिर हम माटी में जा लिपटेंगे… वो क्या हमसे निपटेंगे।
उनको सोमवार को कन्नौज में होने वाली किसान यात्रा से पहले ही लखनऊ पुलिस ने ने धारा-144 के उल्लंघन मामले में गिरफ्तार कर किया था। उनके खिलाफ लखनऊ में महामारी एकट के उल्लंघन का केस भी दर्ज किया गया है।
प्रियंका गांधी का भी हमलावर ट्वीट
कांंग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा, किसानों का साथ देने के लिए आज पूरे उप्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को नजरबंद एवं गिरफ्तार किया जा रहा है। कड़कड़ाती ठंड में बैठे किसानों के लिए खेती, किसानी एमएसपी बचाने के लिए ये “करो या मरो” की लड़ाई है। कांग्रेस कार्यकर्ता अपने आखिरी दम तक किसानों के साथ है।
प्रियंका गांधी ने कहा था कि जो किसान अपनी मेहनत से फसल उगाकर हमारी थालियों को भरता है, उन किसानों को भाजपा सरकार अपने अरबपति मित्रों की थैली भरने के दबाव में भटका हुआ बोल रही है। उन्होंने आगे कहा कि यह संघर्ष आपकी थाली भरने वालों और अरबपतियों की थैली भरने वालों के बीच है।
आइए, किसानों का साथ दें। प्रियंका गांधी ने कहा था कि भाजपा सरकार के पास 20,000 करोड़ का नया संसद कॉरिडोर बनाने तथा पीएम मोदी के लिए 16,000 करोड़ का स्पेशल जहाज खरीदने का पैसा है, लेकिन यूपी के गन्ना किसानों को 14000 करोड़ भुगतान कराने का पैसा नहीं है। 2017 से गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ा है। यह सरकार तो केवल देश के अरबपतियों के बारे में सोचती है।