विधानसभा चुनाव 2022: यूपी के ‘महासंग्राम’ में नतीजों की गिनती शुरू, जानिए 2017 चुनावों में किन पार्टीयों में रहा था मुकाबला
आज पिछले एक महीने से जारी चुनावी उठापटक पर विराम लग जाएगा। देश के पांच राज्यों में कराए गए विधानसभा चुनाव-2022 के नतीजे आज घोषित होंगे। सुबह आठ बजे शुरू हुई मतदानों की गणना समाप्ती तक जारी रहेगी। चुनावी रूप से महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ प्रमुख दावेदारों के रूप में एक बहुकोणीय मुकाबला देखा गया।
वहीं अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाली अपना दल यूपी में भाजपा के गठबंधन का हिस्सा रही है, पार्टी ने कुल 18 सीटों पर चुनाव लड़ा था। साथ ही संजय निषाद के नेतृत्व वाली निषाद पार्टी ने भी बीजेपी के साथ मिलकर यूपी चुनाव लड़ा था। दूसरी ओर, विपक्षी समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के साथ गठबंधन किया। इसके अलावा, ओपी राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) भी सपा के साथ चुनावी मैदान में उतरी।
कुल 403 सीटों पर मुकाबला
चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 202 है। प्रदेश में सातवें चरण के मतदान के बाद जारी हुए एग्जिट पोल के आंकड़ों में बीजेपी को साफ बहुमत मिलता दिख रहा है। साथ ही एग्जिट पोल में रालोद और कुछ अन्य पार्टियों के साथ चुनाव लड़ने वाली सपा के प्रदर्शन में भी सुधार की बात कही गई है।
बीजेपी ने हासिल किया था प्रचंड बहुमत
उत्तर प्रदेश में 2017 विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ 325 सीटें हासिल की थी। तब अपना दल और ओपी राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) बीजेपी+ गठबंधन का हिस्सा थीं। अकेले बीजेपी ने 312 सीटें जीती थीं, जबकि अपना दल को नौ और एसबीएसपी को चार सीटें मिली थीं।
पिछले चुनावों में 47 सीटों पर सिमटी थी सपा
उस वक्त सत्तारूढ़ सपा 47 सीटों पर सिमट गई थी। विशेष रूप से, सपा और कांग्रेस ने 2017 का चुनाव एक साथ लड़ा था और कांग्रेस केवल सात सीटें ही जीत सकी थी। वहीं, बसपा को 2017 में चुनावों के दौरान सिर्फ 19 सीटें मिली थीं, जबकि रालोद को सिर्फ एक सीट संतोष करना पड़ा था।
चर्चा में अयोध्या क्या चुनावी संग्राम
विधानसभा चुनाव-2022 में सबसे अधिक सुर्खियों में रहने वाला निर्वाचन क्षेत्र अयोध्या है, जिसका कारण राम मंदिर का निर्माण है। मंदिर शहर के विकास और “राम” के बारे में हिंदू मतदाताओं की भावनाओं के साथ, बीजेपी इस क्षेत्र में अपने दावेदारों, खासकर समाजवादी पार्टी की तुलना में अपेक्षाकृत आरामदायक स्थिति में है। इसके अलावा, करहल एक हाई-प्रोफाइल सीट बनी हुई है क्योंकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा है। इसी तरह गोरखपुर अर्बन ने भी इस सीट से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने पर ध्यान खींचा था।