Amazon की शिकायत पर Future Retail को कड़ा नोटिस, जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रिलायंस के साथ फ्यूचर ग्रुप के 24,500 करोड़ रुपये के प्रस्तावित सौदे के खिलाफ सिंगापुर मध्यस्थ न्यायाधिकरण के समक्ष कार्यवाही पर दिल्ली हाईकोर्ट के स्थगन के खिलाफ ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन की याचिका पर विचार करने का फैसला किया है। मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अगुवाई वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने फ्यूचर ग्रुप कंपनियों, फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) और फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) सहित अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया। पीठ ने मामले को 23 फरवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
जब अमेजन के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम के साथ सुनवाई शुरू हुई तो सीजेआई ने उल्लेख किया कि कैसे मीडिया ने 8 फरवरी को अमेजन को संबोधित उनकी मौखिक टिप्पणी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था। इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रिलायंस रिटेल के साथ विलय की मंजूरी के लिए फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान अमेजन को लिखित अनुरोध दाखिल करने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।
CJI एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में लिखित निवेदन दाखिल करने के अमेजन के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। देरी से यह अनुरोध किए जाने से नाखुश पीठ ने कहा कि यह एक आरामदायक मुकदमा नजर आता है। मु्ख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप मामले को जटिल बनाना चाहते हैं। आप इसे खींचना चाहते हैं ताकि सुनवाई चलती रहे। अगर मैं आपके अनुरोध को स्वीकार कर लेता हूं तो फिर मुझे दूसरे पक्ष को भी मंजूरी देनी होगी। अगर आप पिछली तारीख पर ही इसकी मांग करते तो वह अलग बात होती।’’
मुख्य न्यायाधीश की अगुआई वाली पीठ ने गत तीन फरवरी को हुई पिछली सुनवाई में मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखने की बात कही थी। पीठ ने अमेजन की तरफ से रखी गई दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि मौखिक वक्तव्यों को अब लिखित में दिए जाने की भी दलील रखी जा रही है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि आपकी नजर में हमारे भीतर मौखिक वक्तव्यों को समझने की क्षमता नहीं है। फैसला सुरक्षित रखे जाने के पांच दिन बाद आप फिर से शुरू करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि इस मामले को फिर से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध न किया जाए।’’
इस याचिका में एफआरएल ने रिलायंस रिटेल के साथ विलय की योजना पर आगे बढ़ने की मंजूरी मांगी है। रिलायंस रिटेल ने 24,731 करोड़ रुपये में एफआरएल के अधिग्रहण का करार किया है लेकिन अमेजन इस सौदे को अपने निवेश समझौते का उल्लंघन बता रही है।