BJP सांसद और उनके पिता के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज, जानें पूरा मामला
वेरावल: गुजरात पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद राजेश चुडासमा और उनके पिता के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में केस दर्ज किया है। सूबे के गिर सोमनाथ जिले के वेरावल कस्बे के एक डॉक्टर के कथित तौर पर आत्महत्या करने के 3 महीने से भी ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद बीजेपी सांसद और उनके पिता के खिलाफ यह केस दर्ज हुआ है। पुलिस ने केस के बारे में बात करते हुए कहा कि अभी इसमें किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है।
12 फरवरी को डॉक्टर चाग ने की थी खुदकुशी
वेरावल सिटी थाने के निरीक्षक एस. एम. इसरानी के मुताबिक, जूनागढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद राजेश चुडासमा और उनके पिता नारनभाई के खिलाफ सोमवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) और 506-2 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्होंने जानकारी दी कि इस सिलसिले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह FIR हितार्थ चाग की शिकायत पर दर्ज की गई, जिनके पिता डॉक्टर अतुल चाग 12 फरवरी को वेरावल शहर में अपने घर में पंखे से लटके पाए गए थे।
पुलिस को मौके से मिला था एक लाइन का नोट
अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर पुलिस ने अचानक FIR क्यों दर्ज की। डॉक्टर चाग वेरावल क्षेत्र के एक जाने माने डॉक्टर थे। उनकी मौत के बाद पुलिस को एक लाइन का नोट मिला था जिसमें सांसद और उनके पिता को दोषी ठहराया गया था। जब पुलिस ने उनके पिता के ‘सुसाइड’ नोट के आधार पर सांसद चुडासमा और उनके पिता के खिलाफ मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया, तो हितार्थ ने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय में एक अवमानना याचिका दायर की। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
पैसे के लेन देन का था विवाद, धमकी का भी आरोप
FIR के मुताबिक, सांसद और उनके पिता ने डॉक्टर से 20 साल के करीबी रिश्तों का फायदा उठाते हुए 2008 से किश्तों में उनसे लगभग 1.75 करोड़ रुपये उधार लिए थे। बाद में जब डॉक्टर चाग ने अपने पैसे मांगे तो सांसद और उनके पिता ने उन्हें 90 लाख रुपये का चेक दिया, जो बाउंस हो गया। FIR में कहा गया है कि आत्महत्या से कुछ दिन पहले डॉक्टर चाग को अपशब्द कहते हुए हितार्थ को जान से मारने की धमकी दी गई थी। प्राथमिकी के मुताबिक, सदमे और डर के चलते डॉक्टर चाग ने यह कदम उठा दिया।