24 November, 2024 (Sunday)

UP को अगले माह मिलेगा पहले डेटा सेंटर पार्क का उपहार, प्रधानमंत्री कर सकते हैं लोकार्पण

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 5000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार पहला डेटा सेंटर पार्क शुरू होने के लिए तैयार है। हीरानंदानी समूह द्वारा विकसित करीब तीन लाख स्वायर फ़ीट परिसर में फैले इस डेटा सेंटर पार्क को महज 24 महीने में तैयार कर लिया गया है। स्वाधीनता दिवस के बाद होने जा रहे इस डेटा सेंटर पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने की संभावना है।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को यहां बताया कि ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में लाइव होने को तैयार इस अत्याधुनिक डेटा सेंटर की पहली बिल्डिंग को “योट्टा डी-1“ नाम दिया गया है। इस एक डेटा सेंटर बिल्डिंग की कुल क्षमता 5000 सर्वर रैक की है, साथ ही 28.8 मेगावॉट आईटी पॉवर की सुविधा है, जिससे तकरीबन 48 घंटे का आईटी पॉवर बैकअप मिल सकेगा। तय परियोजना के अनुसार यहां कुल 06 डेटा सेंटर बिल्डिंग बनाई जानी है, जिसके बाद यहां कुल 30 हजार सर्वर रैक की क्षमता होगी और करीब 250 मेगावॉट बिजली का उत्पादन भी होगा। मालूम हो कि “योट्टा“ हीरानंदानी समूह का डेटा सेंटर संबंधी उपक्रम है।

दिसम्बर 2020 में शिलान्यास, अगस्त 2022 में उद्घाटन

बीते दिनों ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-3 में आए हीरानंदानी समूह के मुखिया निरंजन हीरानंदानी ने कहा था कि देश और प्रदेश के आर्थिक विकास में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी का योगदान बुलेट ट्रेन की तरह है। उन्होंने प्रदेश सरकार की नीति और नीयत की खुले मन से सराहना की थी। सरकार के साथ अपने अनुभव को मंच से साझा करते हुए उन्होंने बताया था कि अगस्त 2020 में हमारी बातचीत उत्तर प्रदेश सरकार से शुरू हुई और अक्टूबर 2020 में हमें जमीन आवंटित हो गई। दिसंबर 2020 में परियोजना का शिलान्यास हुआ। जनवरी 2021 में परियोजना के लिए आवश्यक क्लियरेंस मिल गई और मार्च 2021 से डाटा सेंटर का निर्माण शुरू हो गया।

तीन और डेटा सेंटर हो रहे तैयार

प्रवक्ता ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2025 तक भारत का डेटा एनालिटिक्स उद्योग 16 बिलियन से अधिक होने का अनुमान है। ऐसे में डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार खास ध्यान दे रही है। डाटा सेन्टर क्षेत्र की महत्ता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा जारी 2021 में उप्र डाटा सेन्टर नीति अधिसूचित की गई है। नीति के अन्तर्गत विभिन्न निवेशकों द्वारा वर्तमान में लगभग 15,950 करोड़ रुपये से अधिक निवेश से 04 डाटा सेन्टर पार्क्स की स्थापना का कार्य प्रक्रियाधीन है। इनमें 9134.90 करोड़ के निवेश वाली हीरानन्दानी समूह की मेसर्स एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जापान की 1687 करोड़ के निवेश वाली मेसर्स एनटीटी ग्लोबल सेंटर्स एंड क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा 2414 करोड़ व 2713 करोड़ की दो परियोजनाएं अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की हैं। विगत 03 जून को सम्पन्न तृतीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में यह निवेश प्रस्ताव भी सम्मिलित थे। इन परियोजनाओं के शुरू होने से हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

मालूम हो कि डाटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है। बड़ी मात्रा में डाटा भंडारण, प्रोसेसिंग व वितरण के लिए कंपनियों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, बैंकिंग, खुदरा, स्वास्थ्य सेवा, यात्रा, पर्यटन और अन्य ट्रांजेक्शन में बहुत अधिक डेटा पैदा होता है, जिसके संग्रहण के लिए डेटा सेंटर की बड़ी उपयोगिता है। वर्तमान में देश का अधिकांश डेटा देश के बाहर संरक्षित किया जाता है। अमेजॉन, एपल, गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट की वित्तीय मजबूती में डेटा का बड़ा योगदान है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *