आजम खान को मिली जमानत, फिलहाल रहेंगे जेल में
उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के रामपुर शहर से विधायक आजम खान को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को रामपुर जिले में शत्रु संपत्ति से जुड़े एक मामले में जमानत दे दी है।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की पीठ ने आजम की जमानत अर्जी पर पिछले कुछ महीनों से सुरक्षित किये गये फैसले काे सुनाते हुए जमानत दे दी। इसके साथ ही आजम के खिलाफ चल रहे सभी 87 मामलों में उन्हें जमानत मिल गयी है। सीतापुर जेल में बंद आजम के खिलाफ तीन दिन पहले जिला रामपुर में दर्ज हुए एक अन्य आपराधिक मुकदमे के कारण उन्हें फिलहाल जेल में ही रहना होगा।
जमानत आदेश में न्यायमूर्ति चतुर्वेदी ने कहा कि आजम खान पिछले ढाई साल से जेल में बंद हैं, ऐसे में उन्हें एक एक लाख रुपये केे दो जमानतियों और एक लाख रुपये का निजी मुचलका जमा कराने पर अंतरिम जमानत दी जा सकेगी। गौरतलब है कि इस मामले में आजम पर आजादी के बाद पाकिस्तान जा बसे एक व्यक्ति की जमीन को वक्फ की संपत्ति के दायरे में लाकर माैलाना अली जौहर विश्वविद्यालय की जमीन में शामिल कराने का आरोप है।
उक्त विवादित जमीन इमामुद्दीन कुरैशी नामक व्यक्ति की थी, जो 1947-49 के दरम्यान पाकिस्तान जा बसा था। लिहाजा, शत्रु संपत्ति की श्रेणी में आ चुकी उसकी जमीन को फर्जीवाड़ा करके वक्फ की संपत्ति के दायरे में लाकर, बिना कोई राशि चुकाये इसे जौहर विश्वविद्यालय को हस्तांतरित करने का उन पर आरोप है।
इस मामले में अंतरिम जमानत मिलने के बावजूद आजम के खिलाफ गत छह मई को रामपुर में दर्ज किये गए एक अन्य आपराधिक मुकदमे के कारण फिलहाल जेल में ही रहना पड़ेगा। रामपुर में 2020 के एक मुकदमे में तीन दिन पहले ही आजम खान और उनकी पत्नी डा तजीन फातिमा को आरोपी बनाते हुए उनके विरुद्ध फर्जीवाड़ा करने संबंधी गंभीर धाराएं लगायी गयी हैं। इस मामले में कंस्ट्रक्शन एंड डिज़ाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) की कूट रचना कर लगाये गये फर्जी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के आधार पर ग्रीन बेल्ट में बनाये गये स्कूल की मान्यता ली गयी थी।
इस मामले में एक अन्य आरोपी एनओसी देने वाला बेसिक शिक्षा विभाग का क्लर्क पहले ही निलंबित हो चुका है। रामपुर के पुलिस अधीक्षक एके शुक्ला के मुताबिक आजम खान ने अपने यतीम खाना की जमीन पर बने ‘रामपुर पब्लिक स्कूल’ की मान्यता लेने के लिए बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में स्कूल बनाया।
आरोप है कि स्कूल की मान्यता पाने के लिए सीएनडीएस की फर्जी एनओसी बनाई गयी थी। सीएंडडीएस के अधीक्षण अभियंता ने अपने दर्ज बयान में कहा कि उन्होंने ऐसी कोई भी एनओसी जारी नहीं की। उन्होंने उनके हस्ताक्षर कूटरचित होने की भी गवाही दी है। आजम और उनकी पत्नी को इस मामले में भी जमानत की दरकार होगी।