23 साल से रमजान में रोजे रख रहे हैं अमर सिंह
रमजान के पाक महीने में मुस्लिमो का रोजा रखना आम बात है लेकिन इटावा के अमर सिंह शाक्य पिछले 23 सालों से रोजा रख कर जिले में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बने हुये हैं।
मोहल्ला शिवनगर अड्डा में 60 साल के अमर सिंह शाक्य पिछड़ी जाति से आते है। हिंदू समाज की सभी रीति रिवाज को मानने वाले और हिंदू समाज के तीज त्यौहार मनाते हैं । पूजा पाठ करते हैं । इसके साथ-साथ मुस्लिम धर्म में भी आस्था रखते हैं जिसके चलते रमजान के महीने में पूरे महीने रोजा रखते हैं । अमर एक चाय की दुकान चलाते हैं और रमजान के माह में साफ सफाई को ध्यान में रखते हुए पूरे महीना अपनी चाय की दुकान बंद रखते हैं।
अमर बताते है कि परिवार में कुल पांच लोग हैं वो,उनकी पत्नी शांति देवी,बेटी अंजली जिसकी शादी हो चुकी है,बेटा जितेंद्र शाक्य और बहू माया देवी और एक नाती जिसका नाम नैतिक शाक्य है। वे मूल रूप से कन्नौज जिले के छिबरामऊ के पास बहबलपुर गांव के निवासी हैं वहीं पर एक मजार थी जिसकी देखभाल उनके पुरखे करते थे तभी से वो मजार वाले बाबा की सेवा करने लगा था ।
उन्होने कहा “ इसके बाद समय बीतता गया और हमारे दिन बदल गए । हम लोग गांव छोड़कर इटावा शहर में आ गये । साल 1987 में इटावा में बनी सूत मिल में धागा निकालने की नौकरी करने लगा था और 2002 में सूत मील बंद हो गयी जिसके बाद नौकरी भी चली गयी थी फिर यहां पर घर बनवाया और उसमें भी कालू खां बाबा की याद में मजार बनवा ली थी तभी से रमजान महीने में पूरे रोजे रखते आ रहे हैं। रमजान के महीने में रोजा रखने से बड़ा सुकून मिलता है।”
रोजेदार ने कहा कि रोजे रखने के बाद वो ईद पर भंडारा करवाते हैं वह नमाज अदा नहीं करते लेकिन सिर्फ हिंदी की कुरान पढ़ते हैं और प्रतिदिन घर पर मजार की सेवा करते हैं । कालू खां बाबा की आरती करते हैं उनकी पूजा करते हैं । इटावा शहर से करीब पंद्रह किलोमीटर दूर इकदिल के पास स्टेशन रोड पर रीतौर गांव में एक वृद्धाश्रम बनवाया है जहां पर सैकड़ों लोग आते जाते हैं और कालू खां बाबा की सेवा करते हैं।
अमर चाहते है कि अल्लाह सारी जिंदगी उनको इस लायक रखे कि वो इसी तरह से रमजान मे रोजे रखते आये ।
इटावा नगर पालिका परिषद के पूर्व चैयरमैन फुरकान अहमद बताते है कि अमर सिंह शाक्य रमजान मे रोजे रख कर हिंदु और मुस्लिम दोनो तबको के लिए लोगो के लिए प्रशंसनीय बन गये है।