उप्र में डीएल की परीक्षा और प्रशिक्षण अब होगा एक ही स्थान पर
योगी सरकार के परिवहन विभाग ने प्रदेश में वाहनों की रफ्तार पर निगरानी को कुशल और दक्ष हाथों में सौंपने की पहल करते हुए बरेली, झांसी और अलीगढ़ में ड्राइविंग टेस्टिंग और ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीटीआई) खोलने की तैयारी कर ली है, जिससे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की परीक्षा और प्रशिक्षण एक ही स्थान पर हाे सके।
राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार इन केन्द्रों पर वाहन चलाने की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले को ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी होंगे। इस संस्थान में वाहन चलाने की ट्रेनिंग के दौरान यातायात नियमों की पूर्ण जानकारी दी जाएगी। सरकार को भरोसा है कि अत्याधुनिक एवं प्रभावी प्रशिक्षण की मदद से राजमार्गों पर वाहन दुर्घटनाओं पर रोक लगायी जा सकेगी।
पहली बार राज्य के 03 प्रमुख शहरों में खुलने जा रहे इन ड्राइविंग टेस्टिंग और ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूटों में मैनुअल ड्राइविंग टेस्टिंग के साथ- साथ सेंसर युक्त ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक भी तैयार होंगे। इस ट्रैक पर लगे सेंसर टेस्ट देते समय परीक्षार्थी की गलती को तुरंत पकड़ लेंगे। गलती सुधारने और कुशल ड्राइविंग के गुर सीखने के अवसर लोगों को मिलेंगे। वाहन चालाकों को ट्रैफिक रूल्स की पूरी जानकारी होने पर सड़क सुरक्षा भी प्रभावी बन सकेगी।
बयान के अनुसार प्रदेश में परिवहन सेवाओं में अभूतपूर्व सुधार लाने के साथ ही राज्य सरकार पहली बार एक ही स्थान पर ड्राइविंग, टेस्टिंग और प्रशिक्षण की व्यवस्था करने जा रही है। इससे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले लोगों को भी सहूलियत मिलेगी। टेस्ट किसी दूसरी जगह देने और लाईसेंस के लिए तीसरी जगह दौड़-भाग करने से लोगों को मुक्ति मिलेगी।
गौरतलब है कि सड़क सुरक्षा को प्रभावी बनाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयासरत है। पिछले कार्यकाल के दौरान सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को रोकने के लिए सरकार ने सड़क सुरक्षा माह की शुरुआत कर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये। इनमें परिवहन, स्वास्थ्य, स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संस्थाओं को भी शामिल किया गया।