विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव से संकट में पाक सरकार, देरी की रणनीति अपना रहे इमरान
अपनी सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान मामले में देर करने की रणनीति का सहारा ले रहे हैं। वे चाहते हैं कि किसी तरह मौजूदा हालात में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में अनिश्चय की स्थिति से बचा जा सके।
सरकार और विपक्ष के बीच चल रहे राजनीतिक संघर्ष में पाकिस्तान की शीर्ष अदालत ने भी दखल देने का फैसला किया है। अविश्वास प्रस्ताव से जुड़े संवैधानिक सवाल पर सुप्रीम कोर्ट प्रतिदिन के आधार पर सुनवाई शुरू करने वाला है।
दरअसल, पीटीआइ सरकार ने राष्ट्रपति के जरिये शीर्ष अदालत से संविधान के एक प्रविधान की व्याख्या करने का आग्रह किया है। राष्ट्रपति ने पूछा है कि किसी पार्टी केउम्मीदवार के तौर पर चुने गए सांसद किस हद तक उस पार्टी के खिलाफ कार्य कर सकते हैं और मतदान कर सकते हैं? इस कदम को इमरान खान द्वारा अपनी ही पार्टी के सांसदों को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार के खिलाफ मतदान करने से रोकने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
सेना के रुख से भी पाकिस्तान का राजनीतिक माहौल लगातार बदल रहा है। हाल ही में सत्तारूढ़ पार्टी के एक असंतुष्ट सांसद ने इमरान खान को चेतावनी दी कि वे सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा न हटाएं, जिनका कार्यकाल नवंबर में खत्म हो रहा है।