FATF की ग्रे लिस्ट में ही रहेगा पाकिस्तान का नाम, UAE भी हुआ शामिल
फ्रांस की राजधानी पेरिस में वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force, FATF) ने शुक्रवार को बैठक के आखिरी दिन अपने ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान को लेकर अहम एलान किया। इसके अनुसार अभी इस लिस्ट से पाकिस्तान का नाम नहीं हटेगा बल्कि इसे जून 2022 तक ग्रे लिस्ट में ही रहेगा। दरअसल इनका कहना है कि पाकिस्तान ने अतिरिक्त मानदंडों के तहत दिए गए कुछ लक्ष्यों को अभी तक पूरा नहीं किया है। पाकिस्तान जून 2018 से टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी शर्तों को पूरा न करने के कारण FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल है। बता दें कि FATF की यह चार दिवसीय बैठक 1 मार्च से शुरू हुई थी।
इसके अलावा वैश्विक वित्तीय वाचडाग ने संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates, UAE) को भी अपने ग्रे लिस्ट में डाल दिया है। पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, उनका देश 2023 तक FATF के सभी शर्तों को पूरा कर देगा। FATF ने अक्टूबर 2021 में पाकिस्तान को 34 में से चार शर्त को पूरा न कर पाने के कारण जनवरी 2022 तक के लिए ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा था। तब FATF ने कहा था कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित आतंकी समूहों के शीर्ष नेताओं के खिलाफ टेरर फाइनेंसिंग की जांच और सजा दिलवाने में लापरवाही बरती है।
2018 में ग्रे लिस्ट में आया था पाकिस्तान का नाम
पाकिस्तान के नाम को जून 2018 में ग्रे लिस्ट सूची में डाला गया था। अक्टूबर 2018, 2019, 2020, अप्रैल और अक्टूबर 2021 में हुए समीक्षा में भी पाकिस्तान को राहत नहीं मिल सकी। क्योंकि यह FATF की सिफारिशों पर काम करने में विफल रहा है। इस दौरान पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को विदेशों से और घरेलू स्तर पर आर्थिक मदद मिली है।
की ब्लैक लिस्ट में ईरान और उत्तर कोरिया शामिल हैं जिन्हें बाहर से निवेश पाने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने में काफी परेशानी होती है।