इस वित्त वर्ष में भारत से पीछे रहेगी चीन की अर्थव्यवस्था, राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने खुद ही जताया जीडीपी वृद्धि दर में कमी का अंदेशा
भारत के मुकाबले अब चीन की आर्थिक गति को झटका लगने वाला है। पड़ोसी देश की आर्थिक वृद्धि पर वैश्विक घटनाओं का असर अब पड़ रहा है। चीन की सरकार ने इसी को लेकर पहले लगाए गए अपने अनुमान को अब कम कर दिया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार ने कहा है कि इस वर्ष देश की आर्थिक वृद्धि की दर 5.5 फीसद रह सकती है जो पहले के अनुमान से काफी कम है। देश के बड़े विशाल रियल एस्टेट क्षेत्र में मंदी और कम खपत सहित घरेलू हेडविंड ने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को एक सेटबैक दिया है।
कोरोना का असर
पिछले साल पूरे चीन में कोरोना और इसके डेल्टा समेत ओमिक्रोन वेरिएंट के प्रकोप की वजह से देश के विकास को झटका लगा है। चीन में कोरोना महामारी को रोकने के लिए उठाए गए सख्त उपायों ने चीन के औद्योगिक क्षेत्र को खासा प्रभावित किया है। अत्यधिक ऋण के बीच उधार को नियंत्रित करने के लिए एक सरकारी अभियान के चलते अर्थव्यवस्था में मंदी देखी जा सकती है।
2021 में 8.1 प्रतिशत थी वृद्धि दर
बता दें कि 2021 में चीन की अर्थव्यवस्था में 8.1 फीसद की बढ़त दर्ज की गई थी और ये बढ़कर लगभग 18 ट्रिलियन डालर की हो गई थी। पड़ोसी देश की इस रफ्तार को एक दशक में सबसे अच्छा बताया गया था। गौरतलब है कि चिनफिंग सरकार ने उस समय कम जीडीपी का अनुमान लगाया था इसके बावजूद जीडीपी में तेजी देखी गई थी। विकास की गति 2021 में सरकार के छह प्रतिशत के लक्ष्य से काफी ऊपर थी।
भारत की जीडीपी 8.8 फीसद से बढ़ने का अनुमान
एक ओर चीन की जीडीपी में गिरावट का अंदेशा हैं वहीं दूसरी ओर भारत की जीडीपी में बड़ा उछाल आने की संभावना है। एसबीआइ रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था में 8 फीसद से अधिक की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।