तालिबान और पाकिस्तान की सरकार खेल रही है डबल गेम, अफगान सरकार को नहीं इमरान खान पर विश्वास
आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान ने एक वीडियो रिलीज किया है जिसमें संगठन के दर्जनों स्नापर्स को पाकिस्तानी सेना के जवानों पर हमला करते हुए दिखाया गया है। ये वीडियो दक्षिण वजरीस्तान और बाजौर जिले का है। यहां पर हाल ही में इस आतंकी संगठन ने कई हमलों को अंजाम दिया है। इस वीडियो में टीटीपी के स्नापर्स को एडवांस्ड थर्मल नाइट विजन कैमरे के साथ लंबी दूरी की राइफल लिए हुए दिखाया गया है। ये वीडियो अफगानिस्तान से लगती पाकिस्तानी सीमा पर हुए उस हमले के कुछ दिन बाद रिलीज किया गया है जिसमें पांच पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गए थे। अफगानिसतान में तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने और सरकार बनाए जाने के बाद टीटीपी का इस तरह का ये दूसरा हमला है।
पाकिस्तान में खैबर पख्तूंख्वां के रिपोर्टर इंशाअल्लाह टीपू महसूद का कहना है कि वीडियो में स्नापर्स लान्ग रेंज राइफल्स और रात में देखने के लिए आधुनिक कैमरे के साथ दिखाई दिए हैं। बता दें कि पिछले वर्ष ही पाकिस्तान की सरकार और टीटीपी के बीच सीजफायर को लेकर एक समझौता हुआ था। लेकिन बाद में टीटीपी ने सरकार पर समझौते की शर्तों को पूरा न करने का आरोप लगाते हुए एकतरफा रूप से इसको तोड़ दिया था। दिसंबर में तोड़े गए समझौते से पाकिस्तान सरकार भी चिंता में आ गई थी। इसकी वजह से तालिबान को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था और उस पर दबाव भी बढ़ा था।
पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर का कहना है कि तालिबान और पाकिस्तान की सरकार डबल गेम खेल रहे हैं। उनके मुताबिक अफगान तालिबान पाकिस्तान पर विश्वास नहीं करते हैं। इस लिए वो काफी समय से पाकिस्तान से मिलने वाले समर्थन को भी खारिज करते रहे हैं। वाशिंगटन पोस्ट के लिए लिखे अपने एक लेख में उन्होंने लिखा है कि तालिबान आधिकारिक तौर पर अपनी सरकार की मान्यता चाहता है। वो ये भी चाहता है कि विदेशों में जब्त की गई उसकी दौलत को रिलीज किया जाए। साथ ही वो विश्व के सामने मानवाधिकारों के उल्लंघन और लड़कियों की पढ़ाई पर कोई बात नहीं करना चाहता है। इसका एकमात्र लब्बोलबाब केवल यही है कि वो पाकिस्तान पर किसी भी तरह से भरोसा नहीं करते हैं। तालिबान ने अब ईरान और भारत के साथ बातचीत शुरू कर दी है। वो अपनी सरकार को मान्यता मिलते देखना चाहता है।