कांग्रेस ने कहा- चीन पर सरकार की चुप्पी अस्वीकार्य, गलवन में चीनी झंडा फहराया जाना देश की अखंडता से खिलवाड़
कांग्रेस ने गलवन घाटी से लेकर पैंगोंग झील के इलाके तक चीन की बढ़ती हिमाकत पर सरकार की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए हैं। गलवन में चीनी सैनिकों के अपना झंडा लहराने को राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता से खिलवाड़ बताते हुए कांग्रेस ने कहा कि सरकार की चुप्पी से साफ है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब भी चीन के खिलाफ बोलने से डर रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रवाद को चीन के बढ़ते अतिक्रमण की कसौटी पर कसने का संदेश देते हुए कांग्रेस ने इस मुद्दे को आगामी चुनावों में प्रमुखता से उठाने के इरादे भी स्पष्ट कर दिए हैं।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कथित वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के अपना झंडा लहराने और एक इंच जमीन भी नहीं देने के नारे लिखे हैं। सरकार चीनी सैनिकों के झंडा फहराने की घटना पर भी चुप रहती है तो यह गलवन में हमारे शहीद हुए जवानों के बलिदान का अपमान होगा। सुरजेवाला ने कहा कि चीन का दुस्साहस इतना बढ़ चुका है कि उसने डेपसांग प्लेन में हमारे वाई जंक्शन पर कब्जा कर रखा है और हाट-स्प्रिंग व गोगरा इलाके में भी उसके सैनिक काबिज हैं।
अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर हमारे इलाके में चीन ने एक गांव बसा लिया है, हमारे कई जगहों के नाम बदलने की हिमाकत की और उत्तराखंड में आकर हमारे पुल को भी तोड़ दिया। मगर इन सब पर सरकार का रुख बेहद कमजोर दिखा है। सरकार और प्रधानमंत्री को इस बात का जवाब देना ही होगा कि चीन ने भारत की जिस सरजमीं पर कब्जा कर लिया है वहां से चीन को कब तक खदेड़कर उसे छुड़ाएंगे।
पांच राज्यों के आगामी चुनाव में चीन की गंभीर होती चुनौती पर भाजपा सरकार को घेरने का साफ संदेश देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि हमें ऐसी सरकार नहीं चाहिए जो देश की संप्रभुता और अखंडता से खिलवाड़ करे। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी गलवन में चीनी सैनिकों के झंडा लहराने के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी फिर चीन का नाम नहीं लेंगे और खुद को क्लीनचिट दे देंगे।