भारत ने कोविड रोधी वैक्सीन की 100 करोड़ डोज लगाकर रचा इतिहास, बधाइयों का तांता, जानें इस अभियान की खास बातें
कोरोना टीकाकरण में भारत ने 100 करोड़ डोज पार करने के साथ ही नया इतिहास रच दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके लिए देश के डाक्टरों, नर्सों और इसमें शामिल अन्य कर्मियों का आभार जताया है और इस सफलता का श्रेय देश के विज्ञान और उद्यम के साथ ही 130 करोड़ लोगों की सामूहिक भावना को दिया। सौ करोड़वीं डोज के ऐतिहासिक क्षण का भागीदार बनने के लिए प्रधानमंत्री खुद राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल गए और टीकाकरण का जायजा लिया। भारत की इस उपलब्धि पर दिनभर देश-विदेश से बधाइयों का तांता लगा रहा।
रच दिया इतिहास
भारत की यह उपलब्धि कई मायनों में ऐतिहासिक रही है। इसे पूरी तरह से स्वदेश में बने टीकों से हासिल किया गया है। साथ ही भारत अधिक साधन संपन्न विकसित देशों की तुलना में ज्यादा सुचारू और तेज गति से यह सफलता हासिल करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। दुनिया में कोरोना की लगने वाली कुल 700 करोड़ डोज की 15 प्रतिशत अकेले भारत में लगी हैं।
सबसे ज्यादा डोज लगाने वाले पांच राज्य
1. उत्तर प्रदेश
2. महाराष्ट्र
3. बंगाल
4. गुजरात
5. मध्य प्रदेश
दूसरे देशों की मदद के साथ हासिल की उपलब्धि
भारत ने अपने नागरिकों के टीकाकरण के साथ-साथ लगभग 5.5 करोड़ डोज दूसरे देशों को भी दी हैं। सबसे बड़ी बात यह रही कि 100 करोड़ में 97 करोड़ से अधिक डोज लोगों को मुफ्त में दी गईं और केवल तीन फीसद ही निजी क्षेत्र के मार्फत लगी हैं। इसमें भी निजी क्षेत्र को मुनाफा वसूली की इजाजत नहीं दी गई।
आसान नहीं रहा सफर
कोरोना टीकाकरण में 100 करोड़ डोज तक का सफर आसान नहीं रहा है। टीकों के लिए बुनियादी ढांचे और कच्चे माल आदि की उपलब्धता की राह तो मुश्किल थी ही, बार-बार उठते रहे राजनीतिक विवादों ने कठिनाई और बढ़ा दी। 279 दिनों में हासिल की गई उपलब्धि की शुरुआत 16 जनवरी को सिर्फ हेल्थ केयर वर्कर्स के टीकाकरण के साथ हुई थी।
कब किसके लिए शुरू हुआ टीकाकरण
– 16 जनवरी – स्वास्थ्य कर्मियों के लिए
– दो फरवरी – फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए
– एक मार्च – 60 वर्ष से अधिक उम्र के लिए
– एक अप्रैल – 45 वर्ष से अधिक उम्र के लिए
– एक मई – सभी वयस्कों के लिए
…और बढ़ता गया दायरा
धीरे-धीरे इसका दायरा बढ़ता गया और इसमें फ्रंटलाइन वर्कर्स, 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, 45 से 60 वर्ष उम्र के व्यक्ति शामिल होते गए और अंतत: एक मई से इसे 18 साल से अधिक उम्र के सभी वयस्कों के लिए खोल दिया गया।
टीकाकरण के अहम पड़ाव
10 करोड़ – 85 दिन
20 करोड़ – 130 दिन
30 करोड़ – 159 दिन
40 करोड़ – 183 दिन
50 करोड़ – 203 दिन
100 करोड़ – 279 दिन
दूसरी लहर ने बहुत कुछ सिखाया
कोरोना की पहली लहर के अंतिम चरण में शुरू हुए इस अभियान की शुरुआत में भारत ने पड़ोसियों और मित्र देशों की भी चिंता और वैक्सीन मैत्री के तहत लगभग पांच करोड़ डोज उन्हें दीं। लेकिन अप्रैल-मई में संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान यह बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया और सरकार ने सबसे पहले देश के नागरिकों को सुरक्षित करने के लिए इसके निर्यात को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया।
टीकाकरण अभियान की खास बातें
- 16 जनवरी को शुरू हुआ अभियान
- एक मई से सभी वयस्कों के लिए खुला
- 97 करोड़ से अधिक डोज मुफ्त लगीं
- 5.5 करोड़ डोज दूसरे देशों को भी दीं
- स्वदेश निर्मित टीकों से हासिल की सफलता
- राज्यों को उपलब्ध कराई गईं 103.5 करोड़ डोज
- राज्यों के पास अब भी 10.85 करोड़ डोज उपलब्ध
31 दिसंबर तक होना है सभी वयस्कों का टीकाकरण
देश की बड़ी जनसंख्या और टीकों के सीमित उत्पादन को देखते हुए भारत के टीकाकरण अभियान की सफलता पर देश-विदेश से अंगुली उठाने का क्रम जारी रहा। चौतरफा दबाव के बीच सरकार ने विदेशी टीकों के आयात को भी हरी झंडी दी और उनके लिए जरूरी ब्रिज ट्रायल की शर्तों में छूट की घोषणा की।
विदेशी कंपनियों के आगे नहीं टेके घुटने
इसके साथ ही सरकार ने साफ कर दिया कि टीकों की आपूर्ति के लिए वह विदेशी कंपनियों की क्षतिपूर्ति जैसी शर्तों के आगे नहीं झुकेगी। आखिरकार जून में सरकार ने साफ किया कि वह 31 दिसंबर तक देश में सभी वयस्कों के टीकाकरण के लिए तैयार है और इसके लिए उसने टीकों की उपलब्धता का रोडमैप भी सामने रखा।
अव्यवस्था पर खुद संभाली कमान
अप्रैल महीने में पूरी तरह केंद्रीयकृत टीकाकरण अभियान भी मुद्दा बना और इसमें राज्यों व निजी क्षेत्र की भागीदारी की मांग उठने लगी। कई राज्यों ने टीकों के लिए विदेशी कंपनियों को आर्डर भी देना शुरू कर दिया ताकि वह स्वतंत्र रूप से टीकाकरण अभियान चला सकें।
सभी योग्य लोगों को कम से कम एक डोज लगाने वाले राज्य
– अंडमान-निकोबार द्वीप समूह
– चंडीगढ़
– गोवा
– हिमाचल प्रदेश
– जम्मू-कश्मीर
– लक्षद्वीप
– सिक्किम
– उत्तराखंड
– दादरा नगर हवेली
राज्यों के हिस्से की डोज भी केंद्र ने लगाईं
इसे देखते हुए सरकार ने मई महीने से 25-25 फीसद टीके राज्यों और निजी क्षेत्र के लिए सुरक्षित कर दिए। लेकिन एक महीने के भीतर ही राज्यों के अधीन टीकाकरण अभियान अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ने लगा और 21 जून से केंद्र ने उनके हिस्से के टीके भी खुद लगाने का फैसला किया।
88 करोड़ डोज सिर्फ कोविशील्ड की लगीं
टीकाकरण की यह उपलब्धि भारत में निर्मित सिर्फ दो टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन द्वारा हासिल की गई है। इनमें लगभग 88 करोड़ डोज कोविशील्ड और 12 करोड़ कोवैक्सीन की हैं। दूसरे डोज की उपलब्धता नहीं होने के कारण स्पुतनिक-वी टीकाकरण अभियान का हिस्सा नहीं बन सका।
पीएम मोदी बोले- यह उपलब्धि हर नागरिक की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 100 साल की सबसे बड़ी महामारी से लड़ने के लिए देश के पास अब टीकों की 100 करोड़ डोज का मजबूत सुरक्षा कवच है। यह उपलब्धि भारत और भारत के हर नागरिक की है।
भारत की क्षमता से परिचित हुई दुनिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- इस रिकार्ड ने दुनिया को नए भारत की अपार क्षमता से परिचित कराया है। मैं उन सभी विज्ञानियों, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने कई चुनौतियों का सामना करके इस महायज्ञ में योगदान दिया। साथ ही मोदी जी को बधाई देता हूं जो हर व्यक्ति की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यह उपलब्धि भारत की सामर्थ्य का प्रतीक
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि यह उपलब्धि मुश्किल वक्त में भारत की अद्भुत क्षमता को दर्शाती है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह अभूतपूर्व उपलब्धि है, साथ ही विश्व मंच पर भारत की सामर्थ्य का प्रतीक है।
भारत के लिए यह दिवाली
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए यह दीपावली है। 100 करोड़ डोज लगने के बाद हम मिशन मोड में यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन्होंने पहली डोज ले ली है, वे दूसरी डोज भी लें ताकि कोरोना से उनका बचाव हो सके।
मास्क अवश्य पहने
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जब ऐसा महसूस किया जाएगा कि मास्क पहनने की जरूरत नहीं है तो विशेषज्ञ आपको इस बारे में बताएंगे। लेकिन, जब तक वे ऐसा नहीं कहते, तब तक मास्क अवश्य पहनें।
पूनावाला ने कही यह बात
कोरोना टीकों की 100 करोड़ डोज का आंकड़ा पार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई। मैं भारत सरकार के सभी मंत्रियों, एजेंसियों और स्वास्थ्य कर्मियों को भी महामारी के दौरान उनके अथक प्रयासों के लिए बधाई देता हूं।
– अदार पूनावाला, सीईओ, सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया
भारत बायोटेक ने आत्मनिर्भर भारत की सफलता बताया
इस ऐतिहासिक उपलब्धि में योगदान देने के लिए भारत बायोटेक को गर्व है। यह सरकार, टीका निर्माताओं, स्वास्थ्य कर्मियों और टीका लगवाने वाले सभी भारतीय नागरिकों का सम्मिलित प्रयास है जिन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत की सफलता की वास्तविक कहानी बनाया।
– डा. कृष्णा एल्ला, चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, भारत बायोटेक
देश में बने टीकों से हासिल की उपलब्धि
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव पाल ने कहा कि भारत ने एक बार फिर लोगों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए समाधान की अनुकरणीय क्षमता दिखाई है। माननीय प्रधानमंत्री की सर्वोच्च उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए मनसुख मांडविया को बधाई। वहीं कोविड टास्कफोर्स के प्रमुख ने कहा कि सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि यह उपलब्धि उन टीकों के माध्यम से हासिल की गई है जो भारत में निर्मित हैं।
अमेरिका ने सराहा
मैं कोरोना महामारी से लड़ाई में भारत की सफलता और ¨हद प्रशांत क्षेत्र व उसके बाहर महामारी को खत्म करने में मदद करने के उसके प्रयासों की सराहना करता हूं।
– एंटनी ब्लिंकन, विदेश मंत्री, अमेरिका
संयुक्त राष्ट्र ने कही यह बात
टीकाकरण की यह उपलब्धि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास में भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। मैं इस महत्वपूर्ण सफलता के लिए भारत की सराहना करता हूं।
– डी. बोएड, भारत में संयुक्त राष्ट्र के समन्वयक
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विज्ञानियों, स्वास्थ्यकर्मियों और भारत के लोगों को कोरोना से संवेदनशील आबादी की रक्षा करने और टीकाकरण लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों के लिए बधाई।
– टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक
इजरायल हुआ अभीभूत
भारतीयों को अब तक एक अरब से अधिक डोज लगाने संबंधी सफल कोरोना टीकाकरण अभियान का नेतृत्व करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई। ये जीवन रक्षक टीके वैश्विक महामारी को शिकस्त देने में हम सबकी मदद कर रहे हैं।
– नफ्ताली बेनेट, प्रधानमंत्री, इजरायल
भूटान ने बताई बड़ी उपलब्धि
यह न सिर्फ भारत के लिए, बल्कि विश्व के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है। भूटान के लोगों की ओर से मैं भारत को बधाई देता हूं।
– डा. लोटे शेरिंग, प्रधानमंत्री, भूटान
श्रीलंका ने कहा- टीकाकरण ही भविष्य
आगे का रास्ता और सुरक्षित बने रहना सफल टीकाकरण पर निर्भर है। इस लक्ष्य को हासिल करने पर बधाई।
– महिंदा राजपक्षे, प्रधानमंत्री, श्रीलंका
मालदीव ने दिया धन्यवाद
कोरोना टीकों की एक अरब डोज लगाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार को बधाई। मालदीव के कोरोना से उबरने और टीकाकरण कोशिशों का समर्थन करने के लिए भारत का धन्यवाद।
– इब्राहिम मुहम्मद सोलेह, राष्ट्रपति, मालदीव