कश्मीर में 24 घंटे के भीतर प्रवासी मजदूरों पर तीसरा आतंकी हमला, गैर कश्मीरियों को कैंपों में लाने की एडवाइजरी को IG ने बताया फेक
आतंकियों ने कश्मीर में 24 घंटे के भीतर प्रवासी मजदूरों पर तीसरा हमला किया। रविवार शाम को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने एक घर में घुसकर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें बिहार के दो श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआइ ने एक एडवाइजरी जारी होने की रिपोर्ट दी जिसमें गैर स्थानीय मजदूरों को नजदीकी सुरक्षा शिविरों में लाए जाने की बात कही गई थी। इसके कुछ ही देर बाद समाचार एजेंसी एएनआइ ने कश्मीर के IG विजय कुमार बयान ट्वीट किया। इसमें IG विजय कुमार ने उक्त एडवाइजरी को फेक बता दिया।
शनिवार को दो श्रमिकों की कर दी गई थी हत्या
अभी तक किसी आतंकी संगठन ने इस वारदात की जिम्मेदारी नहीं ली है। सुरक्षाबल हमलावरों की तलाश में जुट गए हैं। मारे गए श्रमिक किराये के मकान में रहते थे। इससे पहले शनिवार को भी आतंकियों ने श्रीनगर और पुलवामा में दो अलग अलग हमलों में बिहार और उत्तर प्रदेश के दो श्रमिकों की हत्या कर दी थी।
अंधाधुंध गोलीबारी
बताया जाता है कि रविवार शाम करीब छह बजे अचानक लारन गाजीपोरा वनपोह क्षेत्र में दो से तीन आतंकी एक मकान में घुस आए। कमरे में बैठे श्रमिकों पर उन्होंने अंधाधुंध गोलियां चलाना शुरू कर दीं। इससे पहले की कोई कुछ समझ पाता वहां चीख पुकार मच गई। वारदात के बाद आतंकी भाग गए। गोलीबारी में दो श्रमिकों की घटनास्थल पर मौत हो गई। वहीं एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। मृतकों की पहचान राजा ऋषि देव, जोगिंद्र ऋषि देव के रूप में हुई है।
घायल की हालत स्थिर
घायल की पहचान चुनचुन ऋषि देव के रूप में हुई। चुनचुन को राजकीय मेडिकल कालेज अनंतनाग में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. मुहम्मद इकबाल सोफी का कहना है कि घायल कि हालत स्थिर बनी हुई है। हमले के चश्मदीद के अनुसार, वह अपने कमरे में बैठा हुआ था। अचानक उनका साथी दौड़ता हुआ आया और बोला कि आतंकियों ने हमला कर दिया है। वह तुरंत दौड़ा और देखा तो तीनों साथी खून से लथपथ थे। स्थानीय लोगों की मदद से तीनों को अस्पताल पहुंचाया। डाक्टरों ने दो को मृत घोषित कर दिया।
पूरे क्षेत्र में तलाशी अभियान
वारदात के बाद इलाके में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस की एसओजी के जवान ने आसपास के तमाम इलाकों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। घटनास्थल के आसपास के तमाम इलाकों को सील कर दिया है। आतंकियों का कोई सुराग नहीं लगा है। पुलिस के महानिरीक्षक कश्मीर विजय कुमार ने दो मजदूरों की मौत की पुष्टि की।
दो अक्टूबर से अब तक 11 हत्याएं
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक इस महीने अब तक नागरिकों को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते 11 दिनों में ही आतंकियों ने तीन बड़े हमलों को अंजाम दिया है। सूत्रों की मानें तो कश्मीर में आतंकियों के निशाने पर गैर मुस्लिम, गैर कश्मीरी, प्रवासी मजदूर, सुरक्षा बलों के जवान हैं।
निशाने पर आम नागरिक
दो अक्टूबर : श्रीनगर के कर्णनगर में माजिद अहमद गोजरी और मुहम्मद शफी डार की आतंकियों हत्या कर दी।
पांच अक्टूबर : कश्मीरी हिंदू दवा विक्रेता मक्खन लाल बिंदरु, रेहड़ी लगाने वाले बिहार के विरेंद्र पासवान और सूमो ड्राइवर्स एसोसिएशन के प्रधान मुहम्मद शफी लोन की हत्या की गई।
सात अक्टूबर : दो शिक्षकों दीपक चंद और प्रिंसिपल सुपिंदर कौर की श्रीनगर के सरकारी स्कूल में आइकार्ड देख की थी हत्या।
11 अक्टूबर : आतंकियों ने पुंछ के सुरनकोट वन में सेना के एक गश्ती दल पर हमला किया था जिसमें एक जेसीओ समेत सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे।
16 अक्टूबर : बिहार के रहने वाले अरबिंद कुमार शाह और उत्तर प्रदेश के सगीर अहमद की हत्या। 11 अक्टूबर को गस्ती दल पर हमले के बाद सुरक्षा बलों ने सुरनकोट वन में तलाशी अभियान चलाया जिसमें अब तक नौ जवान शहीद हो चुके हैं।
सुरक्षा बलों के आपरेशन में 13 आतंकी ढेर
आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अभियान भी तेज हो गया है। कश्मीर के आइजी विजय कुमार ने शनिवार को बताया कि नागरिकों की हत्याएं सामने आने के बाद से नौ एनकाउंटरों में कुल 13 आतंकी मारे जा चुके हैं। सुरक्षा बलों ने शनिवार को पुलवामा के पंपोर इलाके में लश्कर कमांडर उमर मुश्ताक खांडे समेत दो आतंकियों को मार गिराया था।
राजनीतिक दलों ने निंदा की
राजनीतिक दलों ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है। पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा- निर्दोष नागरिकों पर बार-बार होने वाले बर्बर हमलों की निंदा करने के लिए शब्द नहीं हैं। मेरी संवेदना मृतकों के परिजनों के साथ हैं। भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि यह नरसंहार के अलावा कुछ नहीं है। माकपा ने कहा कि आजीविका कमाने आए निर्दोष मजदूरों की हत्या करना जघन्य अपराध है।
नीतीश ने की मनोज सिन्हा से बात
जम्मू-कश्मीर में 24 घंटे के अंदर बिहार के तीन लोगों की हत्या कर दी गई है। इससे मर्माहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार देर शाम जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात की है। उन्होंने बिहार के लोगों की हत्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
आर्थिक मदद का किया एलान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आतंकी हमले में मारे गए राजा ऋषिदेव और जोगिंद्र ऋषिदेव के निकटतम आश्रित को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की है। इसके अतिरिक्त श्रम संसाधन एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से नियमानुसार अन्य लाभ दिलाने का भी अधिकारियों को निर्देश दिया है।