नवजोत सिंह सिद्धू से जुड़ा राजनीतिक घटनाक्रम, जिन्होंने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर किया स्तब्ध
नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान द्वारा इस पद पर नियुक्त किए जाने के दो महीने बाद ही पंजाब कांग्रेस प्रमुख का पद छोड़ दिया है। सिद्धू के पद से इस्तीफा देने के अप्रत्याशित कदम ने कांग्रेस को स्तब्ध कर दिया है। आइये जानते हैं नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर जुड़े राजनीतिक घटनाक्रम-
2004: नवजोत सिद्धू ने पहली बार अमृतसर से भाजपा के टिकट पर आम चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।2006: 1988 में रोड रेज के एक मामले में दोष सिद्ध होने के बाद उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया।
2009: उन्होंने लोकसभा चुनाव में अमृतसर सीट को बरकरार रखा।
2014: उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी सहयोगी अरुण जेटली के लिए अमृतसर सीट खाली की। अरुण जेटली कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह से हारे।
2016: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया। उन्होंने उसी वर्ष राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया।
2017: पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले नवजोत सिद्धू कांग्रेस में शामिल हुए। राज्य के चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई। कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने। नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का पर्यटन और स्थानीय निकाय मंत्री बनाया गया।
2019: नवजोत सिद्धू ने अमरिंदर सिंह पर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के लिए उन्हें बाहर करने का आरोप लगाया। हालांकि कांग्रेस ने पंजाब की 13 संसदीय सीटों में से आठ पर जीत हासिल की, लेकिन उसने कुल मिलाकर केवल 52 सीटें जीतीं।
2019: नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब के पर्यटन और स्थानीय निकाय मंत्री से हटाकर ऊर्जा मंत्री बनाया गया। बाद में उन्होंने मंत्री परिषद से इस्तीफा दे दिया।
2019: नवजोत सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच जुबानी जंग लगातार बढ़ती जा रही थी।
जुलाई 2021: कांग्रेस ने नवजोत सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
सितंबर 2021: कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के नए मुख्यमंत्री बने। नवजोत सिद्धू मुख्यमंत्री बनने से चूक गए।
सितंबर 2021: मात्र 72 दिनों में नवजोत सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया।