24 November, 2024 (Sunday)

मणिपुर सरकार को SC ने लगाई फटकार, हाई कोर्ट के आदेशों पर रोक लगाने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को मणिपुर (Manipur) में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। कोर्ट ने राज्य के कोरोना के क्वारंटाइन केंद्रों (Quarantine Center) की दयनीय स्थिति के लिए मणिपुर सरकार की खिंचाई की और कहा कि हम आपको चरित्र प्रमाण पत्र नहीं देने जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि कोरोना काल के दौरान हाई कोर्ट न्याय सुनिश्चित करने का गढ़ थे। इनके द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ पारित आदेशों में सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप नहीं करने वाली है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, विक्रम नाथ और हेमा कोहली की पीठ ने अस्पतालों और कोरोना क्वारंटाइन केंद्रों में सुविधाएं सुनिश्चित करने के संबंध में एक जनहित याचिका पर पिछले साल पारित हाई कोर्ट के दो आदेशों के खिलाफ मणिपुर सरकार की अपील को खारिज कर दिया। राज्य सरकार की ओर से पेश वकील पी.रमेश कुमार ने कहा कि एक जनहित याचिका पर हाई कोर्ट द्वारा आदेश पारित किए गए थे और कुछ निर्देश पारित किए गए थे, जो संभव नहीं थे।

मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि कोरोना केंद्रों पर आपकी सुविधाएं दयनीय थीं। आपके पास पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग बाथरूम नहीं थे। यहां तक कि बेड रोल भी 15 दिन बाद बदले गए। क्वारंटाइन सेंटर में डाक्टर नहीं आए। पीठ ने कहा हाई कोर्ट ने बहुत ही सुनियोजित और संयमित आदेश पारित किए, हम उनमें हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं।

16 जुलाई 2020 को हाई कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार को विशेषज्ञों के विभिन्न आयोगों का गठन करना चाहिए। इससे सारी जानकारियां मिल सकेंगी साथ ही ये किसानों समेत सभी एंटरप्रेन्योर, वर्करों व अन्य लोगों से बात कर जानकारी इकट्ठा करेंगे। इससे राज्य सरकार को प्रभावी योजना बनाने में आसानी होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन की 68 करोड़ से ज़्यादा डोज़ उपलब्ध कराई गई है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी वैक्सीन की 5.08 करोड़ से ज़्यादा डोज़ उपलब्ध है।

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