श्रद्धालुओं पर लगी रोक, रामनगरी की सीमाएं सील
अयोध्या। रामनगरी के प्रांतीयकृत मेले में इस बार भी कोरोना का ग्रहण लग गया है। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन ने रामनगरी में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगाते हुए सीमाएं सील कर दी हैं।
जो भक्त अयोध्या में रुके हुए हैं उन्हें तुरंत वापस जाने की मुनादी भी पुलिस प्रशासन द्वारा कराई जा रही है। अयोध्या में चार पहिया वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आईडी चेक करने के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है।
सावन मेले के प्रथम दिन बुधवार को मणिपर्वत पर लगने वाला मेला व मंदिरों से निकलने वाली रथ यात्राएं भी स्थगित रहीं। अयोध्या में एक पखवारे तक चलने वाले सावन मेले का शुभारंभ श्रावण शुक्ल पक्ष तृतीया को मणिपर्वत मेले के साथ ही होता है।
इस दिन रामनगरी के मंदिरों से भगवान के विग्रह को रथ पर सवार कर मणिपर्वत लाकर झूला झुलाया जाता है। यहीं से अयोध्या में झूलनोत्सव के श्रीगणेश की परंपरा है। लगातार दूसरे वर्ष कोरोना के कारण प्रशासन ने मणिपर्वत मेले पर पाबंदी लगा दी।
जिसके चलते मंदिरों से निकलने वाली रथ यात्राएं भी बुधवार को नहीं निकाली गईं। अयोध्या में डटे श्रद्धालुओं को मंगलवार रात से ही पुलिस ने बाहर निकालना शुरू कर दिया। पुलिस की टीम लगातार शहर में भक्तों से मुनादी के जरिए वापस जाने की अपील कर रही है।
अयोध्या शहर के प्रवेश मार्गों पर बैरियर गिराकर सीमाएं सील कर दी गई हैं। बाहरी लोगों के अयोध्या में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगाई जा चुकी है।
प्रवेश मार्गों पर पुलिस की टीम लोगों की आईडी चेक कर रही है। स्थानीय लोगों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। चार पहिया वाहनों का भी रामनगरी में प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। यही नहीं सरयू नदी में सामूहिक स्नान पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
स्थानीय लोगों के स्नान पर कोई रोक नहीं रहेगी। संत-महंत भी भक्तों से अयोध्या न आने का निवेदन कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कोरोना के साये के बीच रामनगरी में झूलनोत्सव का शुभारंभ हो चुका है जो श्रावण पूर्णिमा तक संचालित होगा।
रामनगरी के मंदिरों में सीमित आयोजनों के बीच झूूलनोत्सव की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। स्थानीय भक्त कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए झूलनोत्सव का आनंद उठा सकेंगे।
डीएम अनुज कुमार झा व एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने पुलिस टीम के साथ मणिपर्वत सहित पूरे मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया। एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि आज श्रावण मेले का प्रथम दिवस है।
प्रथम दिवस मणिपर्वत मेले में पूर्व में लाखों श्रद्धालुुओं को आना होता था, किंतु इस बार कोविड की तीसरी लहर के आने की संभावनाओं के दृष्टिगत संतों के सहयोग से रथ यात्रा आदि कार्यक्रम पर रोक लगाई गई है।
मेले को सकुशल एवं शांति पूर्ण संपन्न कराए जाने के दृष्टिगत अयोध्या के सभी प्रवेश मार्गों पर मजिस्ट्रेट एवं पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
सावन मेले के पहले दिन रामनगरी में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी। रामलला व हनुमानगढ़ी की ओर जाने वाले भक्तों को भी रोका जाने लगा। पुलिस की सख्ती से हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीन महंत प्रेमदास नाराज हो गए।
उन्होंने जिलाधिकारी अनुज कुमार झा से फोन पर वार्ता कर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि जो भक्त मंदिर की चौखट तक पहुंच गए हैं उन्हें दर्शन से रोकना उचित नहीं है। कोविड प्रोटोकॉल के बीच भक्तों को दर्शन-पूजन कराया जाना चाहिए।
इसके बाद डीएम के आदेश पर भक्त हनुमानगढ़ी व रामलला के दर्शन कर सके। सीओ अयोध्या आरके राय ने बताया कि जो श्रद्धालु अयोध्या में हैं उनसे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दर्शन-पूजन करने की अपील की जा रही है।
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए भक्तों से अयोध्या न आने की अपील की जा रही है। जो श्रद्धालु पहले से अयोध्या में रुके हैं उन्हें भी वापस लौटने के लिए कहा जा रहा है। बाहर से किसी प्रकार की भीड़ अयोध्या में आने की अनुमति नहीं है। सरयू में सामूहिक स्नान पर प्रतिबंध लगाया गया है। जिन भक्तों ने पिछले 24 घंटे में अपनी आरटी पीसीआर जांच कराई थी, उन्हें दर्शन की अनुमति दी गई।- अनुज कुमार झा, डीएम