24 November, 2024 (Sunday)

भारतीय जवानों ने चीन को दी चेतावनी; हद में रहे, वरना गलवन का सबक याद रखे

जम्मू, पूर्वी लद्दाख में गलवन वॉर मेमोरियल पर शहीदों की याद में आयोजित कार्यक्रम के जरिये चीन को संदेश गया कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी हद में रहे। भारतीय सीमा पर नजर डालने की अगर हिमाकत की तो पिछले साल 15 जून को जो सबक सिखाया था, वह उसे याद कर ले।

गलवन में भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को जो मात दी थी, उसे कोई भी दुश्मन कभी नहीं भूल पाएगा। चीन की सेना के छक्के छुड़ाने वाली भारतीय सेना की यह 16 बिहार रेजीमेंट थी। इस संघर्ष में हमारे 20 जवान बलिदान हो गए थे। इनमें 16 बिहार रेजीमेंट के कमान अधिकारी भी शामिल थे। इन बलिदानियों को मंगलवार को गलवन वॉर मेमोरियल पर आयोजित कार्यक्रम में विशेष रूप से श्रद्धांजलि दी गई। शहीदों की याद में पूर्वी लद्दाख में दुरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग पर केएम 120 पोस्ट के निकट गलवन वॉर मेमोरियल बनाया गया है। यहां सभी बलिदानियों के नाम अंकित हैं। इन वीरों की शहादत का एक साल पूरा होने सेना की उत्तरी कमान ने यहां श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में सैन्य अधिकारियों समेत जवानों ने बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी तो एक साल पहले का वह मंजर याद आ गया, जब भारतीय सैनिक शेर की तरह दहाड़ते हुए चीनी सैनिकों पर टूट पड़े थे। तब अपने से कई गुना अधिक चीन के सैनिकों को दुर्गम हालात में भी उल्टे पांव खदेड़ दिया था।

गलवन में श्रद्धांजलि देते हुए जवानों ने संकल्प लिया कि वह अपने बलिदानियों की वीरता को आत्मसात करते हुए दुश्मन की बुरी नजर को भी देश पर नहीं पडऩे देंगे। वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब हुए इस कार्यक्रम के जरिये चीन को संदेश दिया गया कि वह अपनी हद में रहे, वरना गलवन की तरह फिर मुंह की खानी पड़ेगी।

बलिदानियों को भी नहीं भूलेगा देश: सेना की उत्तरी कमान की 14 कोर के गलवन वॉर मेमोरियल पर चीफ आफ स्टाफ मेजर जनरल आकाश कौशिक ने भी शहीदों को सलामी दी। उन्होंने कहा कि देश अपने इन बलिदानियों को कभी नहीं भूलेगा, जिन्होंने दुर्गम हालात में लड़ते हुए दुश्मन के मंसूबे नाकाम करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाइके जोशी ने गलवन के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उत्तरी कमान मुख्यालय ऊधमपुर में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन वीरों को याद किया। उत्तरी कमान के अन्य कुछ मिलिट्री स्टेशनों में हुए कार्यक्रमों में भी शहीदों को श्रद्धासमुन अर्पित किए गए।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *