गोवा के 10 विधायकों की अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष 26 फरवरी को करेंगे सुनवाई
गोवा में 10 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली अर्जी पर स्पीकर 26 फरवरी को विचार करेंगे। ये विधायक जुलाई 2019 में भाजपा में शामिल हो गए थे। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी दी।
पीठ ने कहा- हम हाथ पर हाथ धरे नहीं रह सकते
इसके बाद प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने इस मामले को मार्च के पहले सप्ताह में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। कोर्ट कांग्रेस नेता गिरीश चोडनकर की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। पीठ ने कहा कि हम हाथ पर हाथ धरे नहीं रह सकते..हम आदेश में मामले के निपटारे के लिए कह रहे हैं।
10 विधायकों की अयोग्यता मामले में डेढ़ साल में नहीं हो सका फैसला
याचिका में कहा गया है कि इन 10 विधायकों में से नौ कांग्रेस उम्मीदवार थे और वे 2017 के विधानसभा चुनाव में विधायक चुने गए थे, जबकि एक अन्य 2019 के उपचुनाव में विधायक निर्वाचित हुए थे। अगस्त, 2019 में अयोग्य ठहराने की याचिका दाखिल किए जाने के बाद डेढ़ साल बीत गए, लेकिन अब तक उस पर कोई फैसला नहीं हुआ।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के निजी स्कूलों और केंद्रीय विद्यालय में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पढ़ाई के साधन लैपटॉप व इंटरनेट आदि उपलब्ध कराने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार व केंद्र सरकार की याचिका पर नोटिस भी जारी किया है। दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के गत वर्ष 18 सितंबर के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर केंद्र और कुछ राज्यों से जवाब मांगा है जिसमें भीख मांगने को अपराध की श्रेणी में रखने वाले प्रविधानों को निरस्त किए जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया कि इन प्रविधानों के चलते लोगों के पास भीख मांगकर अपराध करने या भूखा मरने का ‘अनुचित विकल्प’ ही बचेगा। जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आरएस रेड्डी की पीठ ने नोटिस जारी करते हुए केंद्र के साथ-साथ महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, हरियाणा और बिहार से याचिका पर जवाब मांगा है।