24 November, 2024 (Sunday)

शिक्षा आंगन में ही पुष्पित-पल्लवित होती है: डा. जितेन्द्र सिंह बोले बच्चे का सर्वाधित विकास 5-6 साल तक ही होता है

एटा। समग्र शिक्षा अभियान के अन्तर्गत भांगनबाड़ी केन्द्रों पर प्री प्राइमरी कक्षाओं के गुणवत्तापूर्ण ईसीसीई संचालन हेतु जिलास्तरीय बीएलटी के प्रशिक्षण का शुभारंभ उप शिक्षा निर्देश प्राचार्य डायट डा. जितेन्द्र सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर किया।
ब्लॉक लेवल ट्रेनर्स को सम्बोधित करते हुए निदेशक डा. सिंह ने कहा कि शिक्षा आंगन में ही पुष्पित पल्लवित होती है। आंगनबाड़ी उन बच्चांे की वास्तविक शिक्षिका हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे का सर्वाधिक विकास 5-6 साल तक ही होता है। यह काल शिक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आंगनबाडी कार्यकत्रियों से आहवान किया कि वे शिक्षा की नींव मजबूत करें।
राज्य स्तरीय प्रशिक्षित जिला प्रशिक्षक अनिल परिहार ने कहा कि नई शिक्षानीति ने आंगनबाड़ी केन्द्रों की भूमिका को और अधिक बढ़ा दिया है। उन्होंने नई शिक्षानीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बुनियादी भाषा कौशल व आंकिक ज्ञान पर समझ विकसित कराने हेतु कक्षा 1 व 2 को आंगनबाड़ी केन्द्रों को सौंपा जाएगा। उन्होंने प्रशिक्षकों से आहवान किया कि वे इसी उत्तरदायित्व निर्वहन के लिए ब्लॉकों पर जाकर कार्यकत्रियों को प्रशिक्षित करेंगे।
जिला समन्वयक प्रशिक्षण आशुतोष शुक्ल ने कहा कि जिस प्रकार पौधे के विकास के लिए समुचित खाद पानी की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए उपयुक्त वातावरण की जरूरत होती है। उन्होंने विद्यालयों में उपयुक्त वातावरण बनाते हुए बच्चों की शिक्षा की नींव मजबूत करने का आहवान किया।
इस अवसर पर डीएलटी व एसआरजी प्रीती गौड, राजीव कुमार, मधुवाला वार्ष्णेय, संध्या चौहान, सोनी कुशवाह, सुखरानी, ऊषादेवी, मंजू देवी आदि उपस्थित थीं। कार्यक्रम का संचालन संजय शर्मा द्वारा किया गया।

 

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *