23 November, 2024 (Saturday)

मुख्‍यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम मोदी बोले, टीकाकरण में रखें ख्‍याल कोई नेता नहीं तोड़ने पाए नियम

भारत में शनिवार से शुरू होने जा रहे कोरोना टीकाकरण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि पहले चरण में जिन तीन करोड़ लोगों को टीका लगना है, उनमें स्वास्थ्यकर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। इसमें जन प्रतिनिधि समेत कोई भी छलांग लगाने की कोशिश न करे। सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करते हुए पीएम ने सफल टीकाकरण के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने की अपील भी की कि वैक्सीन को लेकर किसी तरह की अफवाह न फैलाई जाए।

शाह भी रहे मौजूद 

कोरोना काल में समय-समय पर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद करते रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण से ठीक पहले सोमवार को फिर संवाद किया। बैठक में मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे, जिन्होंने बैठक को माडरेट किया। कांग्रेस शासित पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बोलने का अवसर भी दिया गया। नारायणसामी ने जहां तैयारियों के बारे में जानना चाहा, वहीं ममता ने वैक्सीन के असर पर सवाल किया।

अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण 

बैठक में तैयारियों का पूरा विवरण रखा गया। वरिष्ठ डॉक्टरों ने जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरे देश भी भारत का अनुसरण करेंगे। पिछले एक महीने में लगभग पचास देशों में दो-ढाई करोड़ लोगों को टीका लगाया गया है। वहीं भारत अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों का टीकाकरण करेगा। भारत की तैयारी पूरी है। रही बात वैक्सीन की, तो भारत में बनी वैक्सीन को अनुमति दी गई है। अगर भारत जैसे बड़े देश को इस मामले में आयात पर निर्भर रहना पड़ता तो बड़ी मुश्किल होती।

हमने वैज्ञानिकों की सुनी 

मोदी ने परोक्ष रूप से ममता और सवाल उठाते रहे अन्य राजनीतिक दलों को भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘हमने शुरू से कहा है कि इस मामले में फैसला विज्ञानी समुदाय को लेना है। हमने केवल उनकी सुनी है।’ ध्यान रहे कि वैक्सीन को अनुमति मिलने के साथ ही कुछ राजनीतिक दलों ने अंगुली उठाना शुरू कर दिया था। वैक्सीन की गुणवत्ता और प्रभाव पर सवाल उठाए गए थे।

अफवाहों को हवा न मिले

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्रियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अफवाहों को हवा न मिले। अगर मगर से बात नहीं चलेगी। देश और दुनिया के अनेक स्वार्थी तत्व हमारे अभियान में रुकावट डालेंगे। कभी कंट्री प्राइड की बात होगी तो कभी कारपोरेट प्रतिद्वंद्विता होगी। ऐसी हर कोशिश को नाकाम करना होगा।

पुराने अनुभव का उठाएं लाभ

प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन को लेकर भारत का बड़ा अनुभव रहा है। हमें उसका भी लाभ उठाना होगा। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अन्य टीकों से जुड़े काम प्रभावित न हों। कोरोना वैक्सीन को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं को भी जोड़ना होगा।

केंद्र सरकार उठाएगी खर्च

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि पहले चरण में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका दिया जाएगा। इस चरण में पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी। दूसरे चरण में 50 साल से ऊपर और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को इसमें जोड़ा जाएगा। इनकी संख्या 27 करोड़ रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चरण के खत्म होने तक कई और वैक्सीन भी हमारे पास होंगी। हम फिर उन पर विचार करेंगे।

मुख्यमंत्रियों को दी खास हिदायत 

समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि बैठक में प्रधानमंत्री ने मुख्‍यमंत्रियों का एक खास हिदायत भी दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण अभियान में इस बात का खास तौर पर ख्‍याल रखा जाए कि कोई नेता लाइन नहीं तोड़ने पाए। जन प्रतिनिधियों को भी टीका तभी लगे जब उनकी बारी आए…

दोनों वैक्‍सीन मेड इन इंडिया यह गौरव की बात 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे लिए गौरव की बात है कि जिन दो वैक्सीन को आपात इस्‍तेमाल की इजाजत दी गई है वो दोनों ही मेड इन इंडिया हैं। भारत को टीकाकरण का जो अनुभव है जो दूर-सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचने की व्यवस्थाएं हैं वो इस अभियान में भी बहुत काम आने वाली हैं।

निर्णायक दौर में पहुंची लड़ाई 

बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है। यह चरण है कोरोना के खिलाफ टीकाकरण का है। हम 16 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर रहे हैं। हम कोरोना संकट की शुरुआत से ही वैज्ञानिक समुदाय की सलाह के आधार पर काम करते रहे हैं। टीकाकरण के मामले में भी हम इसी दिशा में चले हैं।

पहला चरण इन हाउस 

प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण की शुरुआती व्‍यवस्‍था इन हाउस है। इसमें वे लोग है जो करोना के खिलाफ लड़ाई में शामिल हैं। हमारी कोशिश सबसे पहले उन लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने की है जो देशवासियों की स्वास्थ्य सेवाओं में लगे हुए हैं। इसके साथ-साथ जो दूसरे फ्रंट लाइन वर्कर्स हैं उन्हें भी पहले चरणों में टीका लगाया जाएगा। इनमें डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी और कोरोना महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चा पर लड़ने वाले कर्मचारी शामिल हैं।

दूसरे चरण में इनको लगेगी वैक्‍सीन 

प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरे चरण में 50 वर्ष से ज्यादा आयु के सभी लोगों को और 50 वर्ष से कम आयु के उन बीमार लोगों को जिन्हें संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है, उन्हें टीका लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि को-विन प्लैटफॉर्म के जरिए टीकाकरण प्रक्रिया की निगरानी होगी। पहली डोज के बाद लोगों को डिजिटल सर्टिफिकेट दिया जाएगा। कोविड वैक्‍सीन की दूसरी डोज जब लग जाएगी तब फाइनल सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

दो वैक्‍सीन के आपात इस्‍तेमाल को मिली है मंजूरी 

भारतीय दवा महानियंत्रक यानी डीसीजीआइ ने देश में दो वैक्‍सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी है जिसके बाद प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ यह पहली बैठक हो रही है। डीसीजीआइ ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपात इस्‍तेमाल को मंजूरी दी है।

पीएम मोदी पहले भी करते रहे हैं संवाद 

सनद रहे कि इससे पहले भी प्रधानमंत्री वर्चुअल तरीके से मुख्यमंत्रियों के साथ कई बार कोरोना संकट पर बातचीत कर चुके हैं। टीकाकरण की तैयारियों में कमियों को दूर करने के लिए देश में इसका तीन बार पूर्वाभ्यास यानी ड्राइरन किया जा चुका है।

बाद में इन्‍हें लगेगा टीका 

इसके बाद बाद 27 करोड़ उन लोगों को टीका लगाए जाने की योजना है जिन्‍हें संक्रमण का ज्यादा खतरा है। इनमें वे लोग शामिल हैं जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है या जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। सरकार का कहना है कि ऑनलाइन प्लेटफार्म को-विन कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान का आधार साबित होगा।

पीएम-केयर फंड से वैक्सीन की खरीद

सूत्रों की मानें तो वैक्सीन की खरीद के लिए पीएम-केयर फंड औश्र राहत निधि का इस्तेमाल किया जा सकता है। सूत्रों का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड की कीमम कम करने को लेकर बातचीत कर रही है।

राज्‍यों ने कसी कमर 

टीकाकरण अभियान को लेकर सभी राज्यों ने कमर कस ली है। राज्यों ने तैयारियां पूरी कर लेने का दावा किया है। बंगाल से लेकर गोवा और आंध्र प्रदेश से लेकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली एवं गुजरात ने प्राथमिकता वाले समूहों तक वैक्सीन पहुंचाने के प्रबंध किए हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य के सभी लोगों को नि:शुल्क टीका उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर रही है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य के हर व्यक्ति को इस अभियान के तहत लाने का प्रयास हो रहा है।

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