कॉफी पिलाई, कुकीज खिलाए और हमास आतंकियों से बचा ली जान….इजरायली महिला की सूझबूझ के मुरीद हुए बाइडेन
रेचल और डेविड ने बताया कि कैसे अपने दिमाग का इस्तेमाल करके वह 20 घंटे तक जीवित रहे. उन्होंने आतंकियों (Hamas Terrorist) के लिए खाना बनाया, उन्हें कॉफी और कुकीज़ खिलाईं-पिलाई.इजरायल पर हमास के हमले (Israel Hamas Attack) में एक बुजुर्ग महिला की जान आतंकियों को कॉफी और कुकीज खिला-पिलाकर बच गई. बुजुर्ग महिला हमास के आतंकियों को चमका देकर अपनी जान बचाने में कामयाब हो गई. दरअसल हमास के आतंकी जब बुजुर्ग महिला के लिविंग रूम में हथोगले के साथ पहुंचे तो पुलिस के आने तक वह उनको कॉफी और कुकीज सर्व करती रही. इस तरह से महिला ने अपनी और अपने पति की जान बचा ली. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस सूझबूझ के लिए महिला की सराहना की. द न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक 65 साल की इजयारली महिला रेचल एड्री को उसके पुलिस अधिकारी बेटे ने बचा लिया.बेटे को पता चला कि उसकी मां को हथियार से लैस आतंकी ने 20 घंटे तक बंधक बनाए रखा है. बेटे ने मुस्तैदी दिखते हुए मां की जान बचा ली. हमास-इजरायल युद्ध के दौरान अपनी सूझबूझ से आतंकियों जिंदा बचने के बाद रेचल एक हीरो के रूप में उभरी हैं. जो बाइडेन रेचल के इस कदर मुरीद हो गए कि इजरायल पहुंचने पर उनसे मुलाकात की. दरअसल बाइडेन से मिलने आने वालों में रेचल को भी निमंत्रण भेजा गया था. बाइडेन से मिलते ही रेचल ने उनको गले से लगाया और उनके देश की रक्षा के लिए धन्यवाद दिया. बता दें कि रेचल और उनके पति डेविड को हमास आतंकियों ने बंधक बना लिया था. उनका बेटा अपनी पिस्तौल के साथ घर में घुसा तो देखा कि उसकी मां की गर्दन एक आतंकी ने पकड़ रखी है. एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी ने अपने दूसरे हाथ में ग्रेनेड पकड़ा हुआ था और उसे जान से मारने की धमकी दे रहा था.रेचल ने अपने चेहरे पर अपनी पांच उंगलियां फैलाकर अपने बेटे को संकेत दिया कि उसके घर में पांच आतंकी मौजूद हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एक स्पेशल वेपन्स एंड टैक्टिक्स (SWAT) टीम ने एविएटर को पीछे हटने के लिए मना लिया और उन्होंने बचाव का जिम्मा संभाल लिया. रेचल और डेविड ने बताया कि कैसे अपने दिमाग का उपयोग करके वह 20 घंटे तक जीवित रहे. उन्होंने आतंकियों के लिए खाना बनाया, उन्हें कॉफी और कुकीज़ खिलाईं-पिलाई. रेचल ने एबीसी न्यूज को बताया, “मुझे पता था कि अगर वे भूखे हैं, तो वे गुस्से में हैं.
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उन्होंने खुद को इंसुलिन का इंजेक्शन लगाने की बात कहकर आतंकियों का ध्यान इस बात से भटकाने की कोशिश की कि उनके बच्चे पुलिस अधिकारी हैं. उन्होंने आतंकियों को पीने के लिए ड्रिंक और खाने के लिए कुकीज दी.रेचल ने आतंकियों को यह कहकर भी उलझाए रखा कि वह उनको अरबी सिखाएं और बदले में वह आतंकियों को हिब्रू भाषा सिखाएंगी. क्यों कि वह समझ चुकी थीं कि यह उनकी जिंदगी और मौत का सवाल है. स्वाट टीम के पहुंचने के बाद आधी रात को रेचल और उनके पति को बचा लिया गया.