रतन टाटा की हुई एयर इंडिया के खिलाफ पुराने केस नहीं चल सकते, क्या है आर्टिकल 12
देश की शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने एयर इंडिया (Air India Limited) को लेकर एक अहम फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई को कहा कि जनवरी 2022 में एयर इंडिया के डिसइनवेस्टमेंट (disinvestment) और टाटा ग्रुप (Tata Group) द्वारा उसे टेकओवर करने के बाद एयर इंडिया लिमिटेड (AIL) संविधान के ऑर्टिकल 12 के तहत राज्य या इसकी इकाई नहीं रही. इसीलिए इसके खिलाफ मौलिक अधिकार उल्लंघन का कोई मामला नहीं बनता है.
शीर्ष अदालत ने बॉम्बे हाई कोर्ट के 20 सितंबर, 2022 के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने वेतन में कथित स्थिरता, कर्मचारियों की पदोन्नति, वेतन संशोधन के भुगतान में देरी और बकाये को लेकर एआईएल के कुछ कर्मचारियों द्वारा दायर चार रिट पीटिशन का निपटारा किया. शीर्ष अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट के सामने रिट पीटिशन में संविधान के ऑर्टिकल 14 (कानून के समक्ष समानता), 16 (सार्वजनिक रोजगार के मामलों में अवसर की समानता), और 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा) के उल्लंघन का दावा किया गया था.
मामले में क्या कहा पीठ ने
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि भारत सरकार ने अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी टैलेस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी है, जिससे निजी इकाई पर कोई प्रशासनिक नियंत्रण नहीं रह गया है. पीठ ने कहा कि डिसइनवेस्टमेंट के बाद एयर इंडिया संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत एक राज्य या इसका साधन नहीं रह गया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट के सामने रिट पीटिशन दायर करने की तिथि पर एआईएल एक सरकारी इकाई थी और पीटिशंस पर काफी देरी के बाद निर्णय लिया गया, तब तक कंपनी का डिसइनवेस्टमेंट हो चुका था और एक निजी कंपनी ने इसका टेकओवर कर लिया था.
क्या है ऑर्टिकल 12
भारतीय संविधान का ऑर्टिकल 12 (Article 12 of the Indian Constitution) एक महत्वपूर्ण प्रावधान है जो ‘राज्य’ शब्द को परिभाषित करता है. ऑर्टिकल 12 उन संस्थाओं को निर्धारित करता है जो इसके दायरे में आती हैं. यह इस बात पर स्पष्टता प्रदान करता है कि संविधान के भाग III में निहित मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.
ऑर्टिकल 12 की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा व्यापक रूप से व्याख्या की गई है. इसका दायरा सरकार और राज्य संस्थानों से आगे तक फैला हुआ है. ऑर्टिकल 12 यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि सरकार और अन्य संस्थाओं को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए.
राज्य’ शब्द का एक विस्तारित महत्व
इससे नागरिकों को ऐसे निकायों को जवाबदेह ठहराने का रास्ता मिल गया है. इससे उन्हें अपने मौलिक अधिकारों के किसी भी उल्लंघन के लिए न्याय पाने में मदद मिलती है. नागरिकों को प्रदान किए गए अधिकांश मौलिक अधिकारों का दावा राज्य और उसके साधन के खिलाफ किया जाता है न कि निजी निकायों (Private body) के खिलाफ. अनुच्छेद 12 राज्य’ शब्द को एक विस्तारित महत्व देता है. यह निर्धारित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि राज्य की परिभाषा के तहत कौन से निकाय आते हैं ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि जिम्मेदारी किस पर रखी जानी है.
टाटा ने खरीदी 100 फीसदी हिस्सेदारी
भारी घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया का सरकार ने विनिवेश किया था जिसमें टाटा समूह के हाथ में इसकी कमान आ गई थी. टाटा समूह ने दो साल पहले एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी 18,000 करोड़ रुपये में खरीदी थी. इस तरह से एयर इंडिया की 68 साल बाद घर वापसी हुई. जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी, जिसका 1946 में नाम बदलकर एयर इंडिया लिमिटेड कर दिया गया था. 1953 में सरकार ने उसका राष्ट्रीयकरण कर दिया था.