यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा: आंसर शीट को लेकर आया अपडेट, उत्तरों पर आपत्ति होने पर दर्ज कर सकते हैं शिकायत
UP constable recruitment exam: यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा संपन्न हो गई। अब इसकी आंसर सीट को लेकर अपडेट आया है। भर्ती बोर्ड आंसर की जारी कर आपत्तियां मांगने की तैयारी में जुट गया है।
प्रदेश पुलिस में सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर सीधी भर्ती के लिए आयोजित लिखित परीक्षा की आंसर की जल्द जारी होगी। उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड आंसर की जारी करने के बाद आपत्तियां आमंत्रित करने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद आपत्तियों का निस्तारण करने के बाद परीक्षा का परिणाम जारी किया जाएगा। भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष डीजी राजीव कृष्ण ने कहा कि बोर्ड आंसर की जल्द जारी करेगा। दरअसल, बोर्ड द्वारा परीक्षा का परिणाम जारी करने से पूर्व आंसर की वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी, ताकि यदि किसी अभ्यर्थी को प्रश्नों के जवाब को लेकर कोई आपत्ति हैं तो वह इस संबंध में बोर्ड को अवगत करा सके।
पुलिसकर्मी भी चुन सकेंगे पुरानी पेंशन का विकल्प
प्रदेश पुलिस के कर्मी पुरानी पेंशन का विकल्प चुन सकेंगे। डीजीपी मुख्यालय में डीआईजी स्थापना प्रभाकर चौधरी ने पुरानी पेंशन का विकल्प चुनने वाले कर्मियों से 31 अक्टूबर तक निर्धारित प्रारूप में सूचना देने को कहा है। इसका लाभ उन पुलिसकर्मियों को मिलेगा, जिनका चयन 28 मार्च 2005 से पूर्व हुआ था। बता दें कि इस संबंध में बीते दिनों अपर मुख्य सचिव (वित्त) ने शासनादेश जारी किया था।
डीजीपी मुख्यालय से इस बाबत जारी निर्देशों में कहा गया है कि 31 अक्टूबर तक प्रस्तुत किया गया विकल्प अंतिम एवं अपरिवर्तनीय होगा। जिन कर्मियों द्वारा पुरानी पेंशन का विकल्प चुना जाता है, उनके राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली खाते 30 जून 2025 से बंद कर दिए जाएंगे। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत खातों में जमा कर्मचारियों का अंशदान उनके जीपीएफ खाते में जमा कर दिया जाएगा। इसी तरह सरकारी अंशदान राजकोष में जमा किया जाएगा। ऐसे सभी कर्मचारी जो विकल्प का प्रयोग करने के लिए पात्र हैं, लेकिन निर्धारित तिथि तक इसका प्रयोग नहीं करते हैं, वे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली द्वारा कवर किए जाते रहेंगे। वहीं सेवानिवृत्त हो चुके कर्मियों को भी शासनादेश में जारी निर्देशों के मुताबिक लाभ प्रदान किया जाएगा। यदि वह पुरानी पेंशन का विकल्प चुनते हैं तो उन्हें राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत मिले सरकारी अंशदान और उसके प्रतिफल को ब्याज के साथ वापस करना होगा।