किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार का प्लान, फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में देगी AI तकनीक को बढ़ावा
नई दिल्ली. भारत सरकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की दक्षता में सुधार, किसानों की आमदनी बढ़ाने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के इस्तेमाल में तेजी लाने की योजना बना रहा है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. क्षेत्र में अग्रणी प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर एनआईएफटीईएम (राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता व प्रबंधन संस्थान) द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में वरिष्ठ नौकरशाहों और सरकारी सलाहकारों ने एआई उपकरणों को तैनात करने के लिए रूपरेखा की जरूरत पर जोर दिया. AI का इस्तेमाल अब भी देश के विशाल खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में शुरुआती चरण में हैं.
खाद्य प्रसंस्करण सचिव अनीता प्रवीण ने इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) के सचिव का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ एक उद्योग के तौर पर हमें एक रूपरेखा तैयार करने की जरूरत है. मेइटी सचिव साथ आ गए हैं। मुझे यकीन है कि वह इस प्रयास में एक बड़ा योगदान देंगे.’’
मेइटी के सचिव एस. कृष्णन ने एआई को व्यापक रूप से अपनाने की वकालत करते हुए कहा कि कृषि में पहले से ही कुछ काम हो रहे हैं लेकिन खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अब भी ऐसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग शुरुआती चरण में है. नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि कुशल खाद्य प्रसंस्करण ‘‘क्लाइमेट स्मार्ट’’ है, जो किसानों की आय बढ़ाने, उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने और जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौतियों के बीच पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में मदद करता है
अधिकारियों ने कहा कि एआई समग्र क्षेत्र की दक्षता में सुधार करने में मदद कर सकता है क्योंकि भारत का 2070 तक शुद्ध शून्य कॉर्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना है.