अरविंद केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस खन्ना का ED से सवाल
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के रलिए अंतरिम जमानत दी जाए या नहीं, सुप्रीम कोर्ट आज इस बात पर विचार कर रहा है. अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने दलीलें रखीं. एएसजी राजू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मनीष सिसोदिया की जमानत रद्द होने के बाद 1100 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है. इस पर जस्टिस खन्ना ने पूछा कि अपराध की आय यानी रिश्वत 100 करोड़ थी.. यह 2-3 सालों में यह 1100 करोड़ कैसे हो गई. यह रिटर्न की एक अभूतपूर्व दर होगी.
जस्टिस खन्ना की इस टिप्पणी पर एएसजी राजू ने कहा कि 590 करोड़ थोक व्यापारी का मुनाफा है. इससे शराब कंपनियों ने 900 करोड़ का मुनाफा कमाया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतर लगभग 338 करोड़ था और यह पूरी चीज अपराध की आय नहीं हो सकती. इसके बाद ईडी की ओर से एएसजी राजू ने कहा कि जब हमने जांच शुरू की तो हमारी जांच सीधे तौर पर उनके (अरविंद केजरीवाल) खिलाफ नहीं थी. जांच के दौरान उनकी भूमिका सामने आई. इसीलिए शुरुआत में उनके बारे में एक भी सवाल नहीं पूछा गया. जांच उन पर केंद्रित नहीं थी.
मामले की सुनवाई के दौरान ही जस्टिस संजीव खन्ना ने ईडी से पूछा कि इस मामले में सबसे पहले किसी सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी कब हुई थी? गिरफ्तारी की तारीख क्या है? चाहे इक्जिक्यूटिव हो या ब्यूरोक्रेट… इस पर ईडी की ओर से एएसजी राजू ने जवाब दिया कि 9 मार्च को गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद जस्टिस खन्ना ने एएसजी राजू की दलीलों पर सवाल किया कि जिन बयानों के हवाले से आप जो कह रहे हैं वो संभवत: आपकी कल्पना हो सकता है कि किकबैक दिया गया. इस पर राजू ने कहा कि हम अपनी जांच को इन बयानों के आधार पर आगे बढ़ा रहे हैं. हमे उसमें कामयाबी भी मिल रही है.