24 November, 2024 (Sunday)

भारत के वाहन क्षेत्र के पास वैश्विक केंद्र बनने का अवसर, मौका गंवाना नहीं चाहिए : मुंजाल

नई दिल्ली। हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पवन मुंजाल का मानना है कि कोविड-19 महामारी भारत के वाहन और कलपुर्जा क्षेत्रों के लिए वैश्विक केंद्र बनने का अवसर है। उन्होंने कहा कि इन उद्योगों को इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए।

मुंजाल ने शनिवर को भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान में वाहन उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में वाहन क्षेत्र अन्य उद्योगों की अगुवाई कर सकता है।

 

नई दिल्ली। हीरो मोटोकॉर्प के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पवन मुंजाल का मानना है कि कोविड-19 महामारी भारत के वाहन और कलपुर्जा क्षेत्रों के लिए वैश्विक केंद्र बनने का अवसर है। उन्होंने कहा कि इन उद्योगों को इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए।

मुंजाल ने शनिवर को भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एसीएमए) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान में वाहन उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में वाहन क्षेत्र अन्य उद्योगों की अगुवाई कर सकता है।

मुंजाल ने कहा, ‘‘इस महामारी के दौरान एक चमकता पहलू प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर भारत के लिए आह्वान है। मेरा मानना है कि आगे चलकर हमारा क्षेत्र आत्मनिर्भर भारत अभियान में वृद्धि का इंजन बन सकता है। वाहन क्षेत्र नवोन्मेषण, इंजीनियरिंग और शोध एवं विकास जैसे क्षेत्रों में संपर्क, संयोजन के जरिये इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।’’

उन्होंने कहा कि भारत के लिए सबसे बड़ा लाभ उसकी युवा आबादी है। इसके जरिये भारत स्पष्ट तौर पर इस मामले में अन्य देशों से आगे नजर आता है। ‘‘मैं जानता हूं कि आत्मनिर्भर भारत के जरिये हमारे उद्योग के पास निकट भविष्य में वैश्विक केंद्र बनने का अवसर है।’’

मुंजाल ने कहा कि सामूहिक रूप से हमारा दृष्टिकोण सिर्फ अपने क्षेत्र में वैश्विक केंद्र बनने का नहीं होना चाहिए, हमें अन्य उद्योगों की अगुवाई भी करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी से कहूंगा कि हमें इस संकट में अवसर को गंवाना नहीं चाहिए। संपर्क, बातचीत और संयोजन के जरिये हम न केवल एक-दूसरे का सहयोग कर सकते हैं, बल्कि देश को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में भी मदद कर सकते हैं।’’

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