23 November, 2024 (Saturday)

बच्‍चों को बीमारियों से दूर रखने के लिए करें शीतला माता की पूजा

हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को शीतला सप्तमी का व्रत रखा जाता है. इस बार शीतला सप्तमी का त्योहार 1 अप्रैल यानी आज मनाया जा रहा है.

शीतला माता के बारे में स्कंद पुराण में विस्तार से उल्लेख मिलता है. बहुत सी जगहों पर इस दिन को बसौड़ा पर्व के नाम से भी जाना जाता है. बसौड़ा अर्थात बासी भोजन. इस नाम के पीछे की वजह यह है कि शीतला सप्तमी के दिन मां शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है.

मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से बच्चों को चेचक, खसरा और आंखों की बीमारियां आदि नहीं होती है. इसके अलावा शीतला सप्तमी के दिन कुछ धार्मिक उपाय करके आप अपने जीवन में सुख-चैन ला सकते हैं.

मंत्र और पाठ करें

मां का पौराणिक मंत्र ‘ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः’ मनुष्यों को सभी संकटों से मुक्ति प्रदान कर समाज में मान-सम्मान,पद व गरिमा की वृद्धि कराता है. जो भी इस दिन शीतलाष्टक का पाठ करते हैं  मां उन पर अनुग्रह करती हुई उनके घर-परिवार की सभी संकटों से रक्षा करती हैं.

शीतला सप्तमी की कथा

शीतला सप्तमी को लेकर एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है. धार्मिक मान्यता है कि पुरातन काल में किसी गांव में एक महिला रहती थी. वह महिला शीतला देवी की भक्त थी और शीतला माता की पूजा करती थी. एक बार जब गांव में आग लगी तो सभी के घर जल गए लेकिन उस महिला का घर नहीं जला. जब लोगों ने इसका कारण पूछा तो महिला ने शीतला पूजन का महत्व बताया. इसके बाद गांव के अन्य लोग भी हर साल शीतला माता की पूजा करने लगे.

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *