गणतंत्र दिवस पर आतंकी हमले का खतरा, छावनी में तब्दील हुई दिल्ली, परेड रूट पर 7 हजार से ज्यादा जवान तैनात
नई दिल्ली: कल सुबह से पूरे देश में गणतंत्र दिवस धूम धाम से मनाया जाएगा। मुख्य समारोह दिल्ली में कर्तव्य पथ पर होगा जहां भव्य परेड होगी। परेड से पहले ही दिल्ली के अधिकांश इलाकों को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। खासतौर पर परेड वाले रास्तों पर 7 हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती की गई है। इसके साथ साथ NSG की टीमों को तैनात किया गया है। क्विक रिस्पांस टीम (QRT) के साथ साथ मोबाइल QRT भी तैनात रहेंगी। इस बार ड्रोन से हमले की आशंका को देखते हुए एंटी ड्रोन स्क्वाड को तैनात किया गया है। साथ ही ऐसे कैमरे लगाए गए हैं जो संदिग्ध चेहरों की पहचान कर सकते हैं।
चप्पे-चप्पे पर पुलिस की कड़ी नजर
दिल्ली पुलिस ने परेड के सुरक्षित संचालन के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच नई दिल्ली जिले और उसके आसपास 6,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। पुलिस उपायुक्त, नई दिल्ली, प्रणव तायल ने कहा कि पुलिस ने लगभग 70,000 लोगों के लिए व्यवस्था की है और कुल तैनाती 6,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की होगी। उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए स्थिर और मोबाइल क्विक रिस्पांस टीमें दोनों सतर्क रहेंगी। डीसीपी ने कहा, “हमने अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में आतंकवाद विरोधी उपायों को तेज कर दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की टीमों को भी तैनात किया जाएगा।”
आतंकी हमले के अलर्ट के बाद कड़ी सुरक्षा
खुफिया एजेंसियों को गणतंत्र दिवस से पहले संभावित आतंकी हमले की सूचना मिलने के बाद से शहर में पहले से ही भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। दिल्ली के सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं पर वाहनों की गहन जांच की जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI, प्रतिबंधित PFI के सदस्य और भारत में अवैध रोहिंग्याओं के जरिए दिल्ली और अन्य जगहों पर आंतकी हमले कराने की फिराक में हैं। दिल्ली के साथ पंजाब, जम्मू कश्मीर को लेकर भी खुफिया एजेंसी ने अलर्ट जारी किया गया है।
संदिग्ध चेहरों की पहचान के लिए कैमरे लगाए
पुलिस ने 150 नए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं, जिनमें से कुछ में चेहरे की पहचान की सुविधा भी है, ताकि हर असामाजिक तत्व की हरकत पर नजर रखी जा सके। पुलिस ने इस बार गणतंत्र दिवस परेड के एंट्री पास में एक नया सुरक्षा फीचर भी जोड़ा है। डीसीपी ने कहा, “हर पास या टिकट में एक क्यूआर कोड होता है। एंट्री तभी दी जाएगी, जब उस कोड को स्कैन किया जाएगा और इसे ले जाने वाले व्यक्ति की पहचान और सत्यापन किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि बिना पास या टिकट के किसी भी व्यक्ति को कर्तव्य पथ पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा।