01 November, 2024 (Friday)

एलन मस्क ने पहले लगाए बड़े-बड़े आरोप, अब वापस ले लिया केस

नई दिल्ली. OpenAI पर कॉन्ट्रैक्ट ब्रीच का आरोप लगाने के बाद, एलन मस्क ने ओपनएआई और इसके सीईओ सैम ऑल्टमैन के खिलाफ अपना मुकदमा वापस ले लिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक मस्क कंपनी पर कॉन्ट्रैक्ट ब्रीच करने और मानवता के भलाई के लिए AI तकनीक बनाने के अपने मिशन को छोड़ने का आरोप लगा रहे थे. आपको बता दें कि OpenAI ने ही ChatGPT को बनाया है. इस AI चैटबॉट टूल ने अपनी लॉन्चिंग के बाद से ही इंटरनेट की दुनिया में तहलका मचा दिया था.

सीएनबीसी की शुरुआती रिपोर्ट्स से पता चलता है कि मामले को बिना किसी पूर्वाग्रह के खारिज कर दिया गया था. इसका मतलब है कि मस्क फिर से मुकदमा दायर कर सकते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक फरवरी में, मस्क ने ओपनएआई, ओपनएआई के वर्तमान सीईओ ऑल्टमैन और प्रेसिडेंट ब्रॉकमैन के खिलाफ कॉन्ट्रैक्ट और फिड्यूशरी ड्यूटी के उल्लंघन के लिए मुकदमा दायर किया था.

ऐसा लगता है कि मस्क ने मुकदमा वापस लेने का फैसला एक निर्धारित सुनवाई से ठीक एक दिन पहले लिया है, जहां जज ओपनएआई के मामले को खारिज करने के अनुरोध की समीक्षा करते. मस्क ने फरवरी में कैलिफोर्निया राज्य की अदालत में मुकदमा दायर किया था जिसका केस नंबर CGC24612746 था.

गौर करने वाली बात ये भी है कि ये अनाउंसमेंट मस्क द्वारा अपनी कंपनियों में ऐपल डिवाइस पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के ठीक एक दिन बाद हुई है. मस्क ने कहा, ‘अगर कंपनी अन्य बिजार थ्रेट्स के अलावा, आईफोन और मैक में ओपनएआई की टेक्नोलॉजी को ओएस लेवल पर इंटीग्रेट करती है, तो वह ऐपल डिवाइसेज पर प्रतिबंध लगा देंगे.’

मस्क ने पहले आरोप लगाया था कि ओपनएआई ने मस्क और बाकी फाउंडिंग मेंबर्स के साथ हुए समझौते का उल्लंघन किया है. समझौते के अनुसार, समझौते के सभी सदस्यों ने ओपनएआई को गैर-लाभकारी बनाने और इसकी तकनीक को ओपन सोर्स रखने की प्रतिबद्धता जताई थी, जिसे मस्क ने ‘टूटा हुआ’ बताया.

मस्क ने यह भी आरोप लगाया था कि शुरुआती ओपनएआई टीम ने ‘मानवता के लाभ के लिए’ आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस या एजीआई डेवलप करने का लक्ष्य रखा था. इसके उल्टे द वर्ज के निलय पटेल ने बताया कि शिकायत में एक ‘फाउंडिंग एग्रीमेंट’ का संदर्भ दिया गया है, लेकिन ऐसा कोई फाउंडिंग एग्रीमेंट अटैच नहीं है, और अनुबंध के उल्लंघन के दावे में स्वीकार किया गया है कि फाउंडिंग एग्रीमेंट मूल रूप से एक भ्रम है.

सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क के अनुसार यह प्रोजेक्ट एक लाभ कमाने वाली यूनिट में तब्दील हो गई है, जिसका नियंत्रण मुख्य शेयरधारक माइक्रोसॉफ्ट के पास है.

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