अखिलेश यादव बसपा से गठबंधन के पक्ष में नहीं है, कहा- अब अगली बार सोचेंगे
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा का नाम लिए बिना कहा कि उनके प्रत्याशी भाजपा को फायदा पहुंचाने वाले होते हैं। उन्होंने इस लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन की संभावना से इनकार भी किया।
एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में बसपा के साथ गठबंधन की संभावना पर उन्होंने कहा कि अब तो समय जा चुका है। लोकसभा चुनाव में समय नहीं बचा है। शायद 15 तारीख से पहले ही चुनाव की तारीख की घोषणा हो जाएगी, ऐसे में इस सबके लिए समय नहीं है। अगले लोकसभा चुनाव में सोचा जाएगा कि उनसे गठबंधन करना है या नहीं। बसपा सुप्रीमो मायावती को साथ लाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, मैं ऐसी कोई बात नहीं बोलना चाहता, जिससे किसी दल को नाराजगी हो। लेकिन सुनने में आता है कि उनके प्रत्याशी वही होते हैं, जिससे बीजेपी को लाभ मिले।
बसपा ने तेलंगाना में बीआरएस से किया गठबंधन
बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति बीआरएस (बीआरएस) के साथ गठबंधन करने की घोषणा की है। बसपा के तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष आरएस प्रवीण कुमार ने हैदराबाद में बीआरएस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से मंगलवार को मुलाकात के बाद गठबंधन करने का घोषणा की। बता दें कि इससे पहले बसपा ने तेलंगाना में विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ा था। जल्द ही बसपा सुप्रीमो मायावती की सहमति से दोनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा होगा।
निषाद पार्टी ने मांगी एक और लोकसभा सीट
निषाद पार्टी के अध्यक्ष एवं मत्स्य मंत्री संजय निषाद ने भाजपा से गठबंधन में एक और लोकसभा सीट की मांग की है। उन्होंने भाजपा से हारी हुई सीटों में एक सीट की मांग की है। उनका कहना है कि उन्हें यदि हारी हुई एक सीट मिलती है तो वह उसे जीतकर एनडीए को मजबूत करेंगे। इसके अलावा निषाद ने विधान परिषद चुनाव में भी एक सीट की मांग की है। मालूम रहे कि संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को भाजपा ने संतकबीरनगर से प्रत्याशी घोषित किया है।