आज भी पुकार लगाता है “काबुलीवाला” का वो रहमत पठान- ‘ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन तुझपे दिल कुर्बान’
जिस नए अफगानिस्तान में भविष्य की रोशनी दस्तक दे रही थी अब वहां दहशत दाखिल…
जिस नए अफगानिस्तान में भविष्य की रोशनी दस्तक दे रही थी अब वहां दहशत दाखिल…