Delhi NCR में त्योहारी भीड़ में दरक गए कोरोना संक्रमण से बचाव के सारे नियम
दिल्ली एक बार फिर कोरोना संक्रमण के भयावह दौर से गुजर रही है। जुलाई व अगस्त में स्थिति बहुत हद तक नियंत्रण में थी। ऐसा लग रहा था अब सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन मौसम बदलते ही प्रदूषण बढ़ने पर हालात एक बार फिर बिगड़ गए हैं। अब कोरोना का संक्रमण समुदाय में बढ़ चुका है। इससे एनसीआर भी अछूता नहीं है। संक्रमण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण, भीड़ व लोगों की लापरवाही है। हालांकि यह सही है कि प्रदूषण सिर्फ दिल्ली एनसीआर में ही नहीं है।
इस समस्या से उत्तर भारत के कई हिस्से प्रभावित होते हैं। लेकिन संक्रमण दिल्ली एनसीआर में ही अधिक बढ़ा है और इसका कारण यहां की घनी आबादी है। दिल्ली में सघन आबादी है। लोगों की आवाजाही भी अधिक हो रही है। त्योहारों में बाजारों में भीड़ अधिक रही। इस दौरान बचाव के नियम दरक गए। इस वजह से संक्रमण तेजी से बढ़ा। संक्रमण रोकने के लिए मास्क पहनना सबसे कारगर व आसान उपाय है। साथ ही संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान कर उन्हें पृथकवास (आइसोलेशन) में रखना जरूरी है। तभी संक्रमण खत्म होगा।
नियमों की अनदेखी : अभी समस्या यह है कि लोगों ने बचाव के कायदे कानून ताक पर रख दिए हैं। यह जानते हुए भी कि कोरोना का संक्रमण चरम पर है लोगों ने दीवाली पर पटाखे जलाए। यह जानबूझकर अपनी जिंदगी को खतरे में डालने जैसा है। प्रदूषण होने पर वायरस प्रदूषक कणों के साथ चिपक कर बहुत दूर तक जा सकता है। ठंड का मौसम भी है इस वजह से वायरस भी जल्दी मरता नहीं है। कह सकते हैं कि मौजूदा समय वायरस के लिए ज्यादा अनुकूल है। अगले तीन से चार हफ्ते बहुत मुश्किल भरा समय है। इस दौरान बहुत निगरानी रखनी होगी।
अधिक जांच भी है कारण : दिल्ली में दूसरे राज्यों के मुकाबले जांच बहुत अधिक हो रही हैं। इसलिए अधिक मामलों की पहचान भी हो रही है। इसके अलावा यहां समुदाय स्तर पर संक्रमण हो चुका है। इस वजह से यह पता नहीं चल पाता कि संक्रमण कैसे और किसके संपर्क में आने से हुआ। अभी प्रतिदिन औसतन 60 हजार सैंपल की जांच हो रही है। अब एक लाख सैंपल जांच करने की योजना है। यह भी हो जाएगा। इसलिए दिल्ली में तीन से चार सप्ताह तक मामले बढ़ेंगे। इस वजह से सबको बहुत सतर्क रहने की जरूरत है। चिंता की बात यह है कि मामले बढ़ने से मौतें भी बढ़ी हैं। इसलिए जरूरी है कि अगर आप बुजुर्ग हैं, मोटापे का शिकार हैं, फैटी लिवर, मधुमेह, ब्लड प्रेशर व दिल की बीमारी है तो कोरोना होने पर घर में न रहें। ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी है।
गुणवत्तापूर्ण हो मास्क : यह बात समझने की जरूरत है कि अधिक जांच होने से बीमारी पकड़ में आएगी, लेकिन इससे संक्रमण दूर नहीं होगा। संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना जरूरी है। ज्यादातर लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं। जो मास्क पहन भी रहे हैं, वे बोलते वक्त हटा लेते हैं। जबकि घर से बाहर रहने के दौरान मास्क नहीं हटाना है। संक्रमण रोकने के लिए ट्र्रेंसग बहुत जरूरी है। खासकर यदि किसी इलाके से अधिक मामले आ रहे हैं तो पीड़ित लोगों के संपर्क में आए लोगों की पहचान और उनकी जांच बेहद जरूरी है। इसके लिए घर-घर सर्वे अहम है। इन सब के बावजूद जो बात सबसे जरूरी है वह मास्क है। वह भी अच्छी गुणवत्ता का मास्क पहनना जरूरी है।
यदि अस्पताल जाना हो तो एन 95 मास्क लगाकर ही जाएं, क्योंकि अस्पतालों में संक्रमण का खतरा अधिक है। इसके अलावा दμतर व घर के बाहर बाजार में जाने पर अच्छे गुणवत्ता वाले तीन लेयर के सर्जिकल मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। बेवजह घर से बाहर निकलने से परहेज करना बेहतर होगा। कोरोना के मामले में भी ऐसा ही देखा जा रहा है। काफी संख्या में डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारी भी संक्रमित हो रहे हैं।