तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे जयललिता के करोड़ों रुपये के मूल्यवान आभूषणों को फिलहाल यहां की सरकार को नहीं सौंपा जाएगा। कर्नाटक हाईकोर्ट ने जब्त किए गए सोने और हीरे के आभूषण पड़ोसी राज्य यानी तमिलनाडु सरकार को सौंपने पर 26 मार्च तक रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति मोहम्मद नवाज की एकल पीठ ने जयललिता की भतीजी जे दीपा की याचिका पर मंगलवार को रोक लगा दी।
याचिकाकर्ता ने पिछले साल 12 जुलाई को विशेष अदालत के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जयललिता को बरी माना जाना चाहिए क्योंकि शीर्ष अदालत ने उनके खिलाफ कार्यवाही रोक दी थी।
यह है पूरा मामला
बता दें कि 27 सितंबर 2014 को की एक विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता को चार साल जेल की सजा सुनाई थी। साथ ही 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इसने यह भी निर्देश दिया था कि जयललिता की जब्त की गई कीमती चीजों को सार्वजनिक नीलामी के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) या भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को बेचा जाना चाहिए।
अतिरिक्त सिटी सिविल एवं सत्र अदालत के न्यायाधीश एचए मोहन ने जयललिता से जब्त कीमती सामान तमिलनाडु सरकार को सौंपने का निर्देश दिया था। आय से अधिक संपत्ति मामले में भौतिक साक्ष्य माने जाने वाले सोने और हीरे के आभूषणों के निपटान सहित आगे की कार्रवाई की जिम्मेदारी तमिलनाडु सरकार पर डाली गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कर्नाटक में ट्रायल आयोजित किया गया था और इसलिए सभी भौतिक साक्ष्य अब न्यायालय की हिरासत में कर्नाटक के खजाने में हैं।
गहनों की नीलामी के बजाय तमिलनाडु को हस्तांतरित
विशेष अदालत के न्यायाधीश ने कहा था कि गहनों की नीलामी करने के बजाय, उन्हें तमिलनाडु राज्य के गृह विभाग के माध्यम से सौंपकर तमिलनाडु को हस्तांतरित करना बेहतर है। कोर्ट ने पहले माना था कि जयललिता का परिवार उन संपत्तियों का हकदार नहीं है, जो राज्य द्वारा जब्त की गई हैं। विशेष सीबीआई कोर्ट ने जयललिता की भतीजी और भतीजे जे दीपा और जे दीपक द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने तब निर्देश जारी किया कि तमिलनाडु गृह विभाग पुलिस के साथ सचिव स्तर के सक्षम व्यक्तियों को आने और गहने इकट्ठा करने के लिए अधिकृत करें।
पांच करोड़ रुपये का भुगतान
अदालत ने यह भी आदेश दिया था कि तमिलनाडु सरकार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में हुए खर्च के लिए कर्नाटक को मुआवजे के रूप में पांच करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। यह भुगतान चेन्नई में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा में जयललिता से संबंधित खाते में सावधि जमा से किया जाना था।