15 दिन में दूसरे अमेरिकी मंत्री का चीन दौरा, जानें वित्त मंत्री येलेन की बीजिंग यात्रा का क्या है मकसद?
अमेरिका और चीन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। इसके बावजूद दोनों देश एक दूसरे से अपने रिश्ते सुधारने में जुटे हैं। जितनी जरूरत चीन को अमेरिका की है। शायद उतनी ही अमेरिका को चीन की। चीन और अमेरिका दोनों के ही बाजार एक दूसरे पर निर्भर हैं। हालांकि दोनों देशों के बीच लंबे समय से ट्रेड वॉर चल रहा है। अब दोनों ही देश इससे होने वाले नुकसान को संभवतः भांप चुके हैं। तभी पिछले 15 दिनों के दौरान जेनेट येलेन अमेरिका की दूसरी ऐसी मंत्री हैं, जो शी जिनपिंग से मिलने और अपने देश के रिश्तों को सुधारने जा रही हैं।
आधिकारिक बयान के अनुसार वित्त मंत्री जेनेट येलेन अमेरिका-चीन संबंधों को बेहतर बनाने के लिए चल रहे प्रयासों के तहत बृहस्पतिवार को बीजिंग की यात्रा करेंगी। वित्त मंत्रालय एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। येलेन ने चीन से आर्थिक संबंध तोड़ने की धारणा को ‘‘विनाशकारी’’ करार दिया है और पिछले वर्ष कई बार उन्होंने कहा था कि वह चीन की यात्रा करना चाहती हैं। उनका कहना है कि भू-राजनीति तथा आर्थिक विकास को लेकर अपने तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद दोनों देश ‘‘एक साथ रहने का रास्ता ढूंढ सकते हैं और उन्हें (ऐसे रास्तों को) तलाशने की जरूरत है।’’ नाम उजागर न करने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि येलेन इस सप्ताह चीन के अधिकारियों, चीन में व्यापार करने वाली अमेरिकी कंपनियों और चीन के लोगों के साथ मुलाकात करेंगी।
जून में एंटनी ब्लिंकन भी कर चुके चीन की यात्रा
जेनेट येलेन से पहले अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी चीन की यात्रा कर चुके हैं। अब येलेन नौ जुलाई तक बीजिंग में होंगी। अधिकारी ने बताया कि उनकी यात्रा का मकसद अमेरिका और चीन के बीच संवाद बढ़ाना है। हालांकि साझा हित के क्षेत्र स्पष्ट हैं जिनपर येलेन बात कर सकती हैं। कई मुद्दों पर असहमतियां भी हैं जिनका समाधान एक यात्रा से नहीं होगा। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी हाल ही में चीन की दो दिवसीय यात्रा पर गए थे। दोनों देशों के बीच कई मुद्दों को लेकर असहमति और संभावित टकराव है। इसमें ताइवान के साथ व्यापार, चीन तथा हांगकांग में मानवाधिकार की स्थिति से लेकर दक्षिण चीन सागर में चीन की सैन्य मौजूदगी और यूक्रेन-रूस युद्ध जैसे मुद्दे शामिल हैं। (भाषा)