बदल गया है आरिफ का सारस? कानपुर चिड़ियाघर के डायरेक्टर की बातों से होगी हैरानी
कानपुर: आपको आरिफ की कहानी तो याद है जिसने एक सारस को बचाया और उसकी देखभाल की। इसके बाद उसे वापस स्वस्थ किया? उत्तर प्रदेश के अमेठी के आरिफ खान ने पिछले साल घायल पक्षी को एक खेत में पाया और उसकी देखभाल की। कुछ समय के बाद दोनों पक्के दोस्त बन गए। आरिफ जहां जाता है, सारस भी उसके पीछे लग जाता था। इसके बाद सारस को कानपुर चिड़िया घर में रखा गया। अब उस सारस को लेकर एक और खबर आई है।
मैगी से कच्चे भोजन की ओर शिफ्ट हो रहा सारस
अमेठी के मोहम्मद आरिफ के साथ एक साल से ज्यादा समय तक रहने वाली सारस को अब कानपुर चिड़ियाघर में जंगल के तौर-तरीकों से तालमेल बिठाना सिखाया जा रहा है। चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक, सारस पके हुए भोजन से धीरे-धीरे कच्चे भोजन की ओर शिफ्ट हो रहा है। अब इसे जंगल में पुनर्वास के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। चिड़ियाघर के डायरेक्टर कृष्ण कुमार सिंह ने कहा, सारस को मैगी, दाल, चावल और खिचड़ी जैसे पके हुए भोजन खाने की जगह धीरे-धीरे जंगली पक्षियों के लिए अधिक उपयुक्त कच्चा आहार खाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
धीरे-धीरे जंगल के तरीकों को अपना रहा है सारस
सिंह ने कहा कि वे अब तक सारस को उपयुक्त आहार के अनुकूल बनाने में 80 प्रतिशत सफलता प्राप्त कर चुके हैं। अब वह कच्चे अनाज, कीड़े, क्रस्टेशियन, पालक, जलकुंभी आदि खाने लगा है। 25 मार्च को अपने आगमन के बाद से, सारस एक बाड़े में रह रहा है। चिड़ियाघर के डायरेक्टर ने कहा, पक्षी के पूरी तरह से ठीक हो जाने के बाद, उसे जंगल भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा, पक्षी ने आरिफ के साथ एक साल बिताया, इसलिए उसे जंगल में पुनर्वासित करने में अधिक समय लगेगा। सारस अभी भी वन्य जीवन के बजाय मानवों के साथ रहने को पसंद कर रहा है।