“GST के दायरे में पेट्रोल-डीजल पहले से है लेकिन…” वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने बताई ये बात
देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने शिरकत की और इस दौरान उन्होंने बजट को लेकर सभी के मन में उठ रहे तमाम सवालों के जवाब दिए। इतना ही नहीं वित्त मंत्री ने जीएसटी को लेकर विपक्ष के आरोपों पर भी जवाब दिए। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी आने के बाद जनता की रोजमर्रा की चीजों के रेट में अब कमी आई है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल पहले से ही जीएसटी के दायरे में हैं।
“राज्य नहीं चाहते पेट्रोल-डीजल GST में आए”
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल को भी जीएसटी में डाला था लेकिन इसके लिए राज्य तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा कि इसे तभी लागू किया जा सकता है जब राज्य जीएसटी के हिसाब से रेट तय करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी में पेट्रोलियम प्रोडक्ट पहले से हैं लेकिन राज्यों द्वारा उसके रेट तय करने के बाद ही ये हो सकता है लेकिन वे नहीं चाहते कि ऐसा हो।
“GST को संसद में कांग्रेस ने भी समर्थन दिया”
‘आप की अदालत’ के स्पेशल शो में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि राहुल गांधी ने आरोपों पर कहा कि जीएसटी के बाद दूध, दही जैसी चीजों पर आज टैक्स 11 प्रतिशत पर घटकर पहुंच गया है यानी कि ये सब सस्ता हुआ है। जीएसटी के बाद आमजन की रोजमर्रा की चीजों के दामों में अब कमी आई है। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि जब जीएसटी को संसद में कांग्रेस ने खुद समर्थन दिया था तो फिर उनकी पार्टी के नेता बार-बार जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ क्यों कहते हैं।
“केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर दो बार एक्साइज ड्यूटी घटाई”
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने महंगाई के सवाल पर कहा कि महंगाई पिछले साल इसलिए बढ़ी क्योंकि विदेशी चीजों के दाम बढ़े थे। हम पेट्रोल से लेकर फर्टिलाइजर इंपोर्ट करते हैं। इनका दाम बढ़ा तो इसका असर हर नागरिक के ऊपर हुआ। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने सितंबर 2021 और जून 2022 में दो बार पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की। इसमें कई सारे राज्य़ों ने भी इसमें कटौती की और पेट्रोल-डीजल सस्ता हुआ।