अमेरिका ने माना-पुतिन और जेलेंस्की में सिर्फ भारत करा सकता है सुलह,PM Modi में ये क्षमता
Joe Biden on Ukraine War: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे भीषण युद्ध का 11वां महीना चल रहा है, मगर अभी तक यह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। भारत शुरू से ही दुनिया को संदेश देता रहा है कि “यह युग युद्ध का नहीं है” और बातचीत के जरिये समस्या का स्थाई समाधान निकाला जाना चाहिए। युद्ध को लंबा खिंचता देख अब अमेरिका की भी एकमात्र और सबसे बड़ी उम्मीद भारत ही बन गया है। अमेरिका को लगता है कि यूक्रेन युद्ध समाप्त करवाने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन ने कहा है कि भारत और अमेरिका इस बात से बहुत अधिक सहमत हैं कि यूक्रेन में स्थाई शांति की बहाली आवश्यक है। अमेरिका का मानना है कि भारत ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच में सुलह करा सकता है। पीएम मोदी में यह क्षमता है कि वह यूक्रेन युद्ध को समाप्त करवा सकते हैं। अमेरिका ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है।
अमेरिका का कहना है कि भारत यूक्रेन युद्ध को समाप्त करवाने में सक्षम है। भारत ऐसा देश है जो यूक्रेन और रूस दोनों पक्षों को बातचीत और कूटनीति की मेज पर ला सकता है। युद्ध के आरंभ में ही इसे तत्काल समाप्त करने का आह्वान करने और यूक्रेन को मानवीय सहायता देने के लिए भी अमेरिका ने पीएम मोदी और भारत के कदमों की तारीफ की है। अमेरिका का मानना है कि रूस और यूक्रेन के साथ संबंध रखने वाले भारत जैसे देश संबंधित पक्षों को बातचीत और कूटनीति की मेज पर लाने में मदद करने की स्थिति में हो सकते हैं, जिससे एक दिन यह युद्ध समाप्त हो सकता है।
अमेरिका ने कहा संयुक्त राष्ट्र तक पीएम मोदी की गूंज
अमेरिका ने कहा है कि पीएम मोदी बेहद प्रभावशाली नेता हैं। उन्होंने आरंभ में ही पुतिन से कहा था कि “यह युग युद्ध का नहीं है”। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस शब्द की गूंज सिर्फ शिखर सम्मेलन में ही नहीं, बल्कि जी-20 और संयुक्त राष्ट्र तक पहुंची है। अमेरिका के अनुसार पूरी दुनिया पीएम मोदी के रुख से सहमत है। अमेरिका और भारत दोनों ही यूक्रेन में स्थाई शांति की बहाली चाहते हैं। इसलिए अमेरिका भारत के साथ कुछ अन्य देशों के भी संपर्क में है, जो इस दिशा में अहम कड़ी साबित हो सकते हैं। अमेरिका की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब 11 माह से युद्ध चलते रहने के बावजूद इसके खत्म होने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है और भारत के अलावा दुनिया का कोई भी देश इसे रोकने का प्रयास करता नहीं दिख रहा है।
रूस को युद्ध का दोषी ठहराना चाहता है अमेरिका
यूक्रेन युद्ध समाप्त करवाने के साथ ही साथ अमेरिका रूस को इस हमले के लिए युद्ध का दोषी भी ठहराना चाहता है। बाइडन प्रशासन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय रूस को जवाबदेह ठहराने पर अडिग है। इसके लिए अमेरिका दुनिया भर में अपने सहयोगियों और भागीदारों के संपर्क में है। बाइडन प्रशासन का कहना है कि वह भारत की इस बात से बहुत अधिक सहमत है कि यूक्रेन में स्थाई शांति की बहाली आवश्यक है। यही संदेश यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की का भी है।
पीएम मोदी के संपर्क में हैं रूस और यूक्रेन
सिर्फ अमेरिका को ही नहीं, बल्कि रूस और यूक्रेन को भी इस युद्ध के समाप्त होने की किरण भारत से ही आती दिखाई दे रही है। इसीलिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की लगातार भारत के संपर्क में हैं। दोनों ही नेता कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत कर चुके हैं। पीएम मोदी ने हर बार दोहराया है कि युद्ध किसी समस्या के हल का रास्ता नहीं है। दोनों देशों को यह रास्ता छोड़कर तत्काल बातचीत की मेज पर आना चाहिए। इसके बाद दोनों देशों की ओर से युद्ध समाप्ति पर सहमति के संकेत भी दिए जा चुके हैं, लेकिन कई बिंदुओं पर असहमति के चलते रूस और यूक्रेन में से कोई भी देश बातचीत की मेज पर आगे नहीं आ सका है।
अब अमेरिका को भारत से उम्मीद है कि जेलेंस्की और पुतिन को वह एक मेज पर लाकर युद्ध को समाप्त करवाने में अपनी भूमिका अदा करेगा। अमेरिका को पता है कि पुतिन और जेलेंस्की दोनों ही नेता भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी हैं और उनकी बात को मानते हैं। इसलिए पीएम मोदी युद्ध को समाप्त करवा सकते हैं।