25 November, 2024 (Monday)

जब जेटली को याद करके बहरीन में भावुक हुए पीएम मोदी, कहा- मेरा दोस्त अरुण चला गया

 दिवंगत बीजेपी नेता, कुशल वकील और देश के वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली की आज जयंती है। उनका जन्म 28 दिसंबर 1952 को दिल्ली के एक पंजाबी हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता किशन जेटली भी एक नामी वकील थे और उनकी मां हाउसवाइफ थीं। जेटली की शुरुआती शिक्षा दिल्ली के सेंट जेवियर्स सीनियर सेकंडरी स्कूल से हुई थी और उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बी.कॉम किया था। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ फैकल्टी से एलएलबी किया।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र नेता थे जेटली

कॉलेज के समय में जेटली दिल्ली यूनिवर्सिटी कैंपस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता रहे और 1974 में यहां के छात्र संघ अध्यक्ष रहे। वह राज नारायण और जयप्रकाश नारायण द्वारा साल 1973 में शुरू किए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आंदोलन के एक प्रमुख नेता थे। इमरजेंसी के दौरान वह जेल गए और वहां से छूटने के बाद वे जनसंघ में शामिल हो गए।

राजनीतिक करियर में तेजी से आगे बढ़े जेटली

बीजपी की वाजपेयी सरकार में उन्हें 13 अक्टूबर 1999 को सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया और विनिवेश राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी बनाया गया। बाद में राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी उन्होंने संभाला। वह राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी रहे।

वह अपने राजनीतिक करियर में कई बड़े पदों पर रहे लेकिन उन्होंने वकालत भी नहीं छोड़ी और उसमें भी उनका करियर ग्राफ काफी अच्छा रहा। वह जहाजरानी मंत्री, नौवहन मंत्री, केंद्रीय मंत्री, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्री, वाणिज्य और उद्योग और कानून और न्याय मंत्री भी रहे। 26 मई 2014 को जब मोदी सरकार सत्ता में आई तो जेटली को देश का वित्त मंत्री बनाया गया।

जेटली के निधन के वक्त विदेश दौरे पर थे पीएम मोदी, वहीं हुए भावुक

किडनी ट्रांसप्लांट करवा चुके अरुण जेटली 9 अगस्त से दिल्ली एम्स में भर्ती थे और उनका सॉफ्ट टिश्यू कैंसर का इलाज चल रहा था। इस समय उनकी उम्र 66 साल थी। जेटली का जब निधन हुआ, तब उनके बहुत करीबी मित्र और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत में नहीं थे। पीएम मोदी उस समय बहरीन में थे।

जेटली के निधन पर पीएम मोदी बहरीन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भावुक हो गए थे। पीएम मोदी ने कहा था कि मैं एक दर्द दबाकर आपके सामने खड़ा हूं। विद्यार्थीकाल से लेकर सार्वजनिक जीवन तक हम (पीएम मोदी और अरुण जेटली) साथ चले। हम हर पल साथ जुड़े रहे और साथ संघर्ष करते रहे लेकिन आज उसने (जेटली) देश छोड़ दिया।

पीएम ने कहा कि मैं इस बात की कल्पना नहीं कर सकता कि मैं इतना दूर हूं और मेरा एक दोस्त चला गया। ये मेरे लिए बड़ी दुविधा है। एक तरफ कर्तव्य है और दूसरी तरफ दोस्ती की भावना। मैं अपने दोस्त अरुण को बहरीन की धरती से श्रद्धांजलि देता हूं। पीएम ने इससे पहले अरुण जेटली की पत्नी और बेटे से फोन पर बात की थी। अरुण के परिजनों ने पीएम से अपील की थी कि वह अपना विदेश दौरा रद्द ना करें।

 

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