मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को एक साल का और सेवा विस्तार मिल सकता है। उन्हें मिले पहले विस्तारित कार्यकाल की अवधि 31 दिसंबर को समाप्त हो रही है। इसलिए शीर्ष नौकरशाही में मुख्य सचिव को लेकर अटकलें भी तेज हो गई हैं। वहीं, कुछ वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी प्रदेश के इस सर्वोच्च पद पर पहुंचने के प्रयास में जुटे हुए बताए जाते हैं।
1984 बैच के आईएएस दुर्गा शंकर मिश्र ने अपनी 60 साल की आयु पिछले साल दिसंबर में पूरी कर ली थी। तब वह केंद्र सरकार के नगर विकास मंत्रालय में सचिव थे। इसके बाद उन्हें एक साल का सेवा विस्तार देते हुए यूपी मूल काडर में भेज दिया गया था। उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, अगले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं को लागू करने में उनके अनुभव का लाभ उठाने पर सहमति बनी है। इसलिए सेवा विस्तार मिलने की पूरी संभावना है। हालांकि, इस बारे में पूरी तरह से तस्वीर दिसंबर के आखिरी सप्ताह में ही साफ होगी।
शासन के सूत्रों के अनुसार, किन्हीं वजहों से दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार नहीं मिल पाता है तो 1988 बैच के आईएएस व कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह इस दौड़ में आगे बताए जा रहे हैं। यूपी में तैनात 1987 बैच के आईएएस महेश कुमार गुप्ता, संजीव कुमार मित्तल व हेमंत राव और 1988 बैच के डॉ. रजनीश दुबे व जूथिका पाटणकर उनसे सीनियर हैं। ये वे अधिकारी हैं, जो वरिष्ठता में आगे होने के साथ ही इनका कार्यकाल दिसंबर के बाद एक साल से ज्यादा का बचा हुआ है। लेकिन, नौकरशाही में मुख्य सचिव के बाद दूसरे नंबर का महत्वपूर्ण माने जाने वाला एपीसी का पद मनोज कुमार सिंह के पास होने के चलते उनका नाम आगे है।
फरवरी-2023 में सचिवालय से बाहर तैनात यूपीएसआरटीसी के चेयरमैन राजेंद्र कुमार तिवारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं, तो मनोज कुमार सिंह से सीनियर कोई एक अधिकारी वहां एडजस्ट हो सकता है। संजीव कुमार मित्तल पहले से ही सचिवालय से बाहर राजस्व परिषद के अध्यक्ष पद पर तैनात हैं। इसी तरह से उनसे वरिष्ठता में ऊपर शेष अधिकारियों को सचिवालय से बाहर के अन्य पदों पर भेजकर एडजस्ट किया जा सकता है।