मुख्तार के बेटे की जमानत अर्जी खारिज : शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर धोखाधड़ी से भाई व पिता के नाम कराने का मामला
लखनऊ में हजरतगंज में जियामऊ स्थित शत्रु संपत्ति पर कब्जा कर धोखाधड़ी से भाई अब्बास व पिता मुख्तार अंसारी के नाम कराने के आरोपी उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी को जिला जज संजय शंकर पांडेय ने खारिज कर दिया।
जमानत का विरोध करते हुए सरकारी वकील मनोज त्रिपाठी ने बताया कि मामले की रिपोर्ट लेखपाल सुरजन लाल ने 27 अगस्त 2020 को थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। आरोप लगाया गया था कि मुख्तार और उसके बेटों अब्बास व उमर ने जाली दस्तावेज तैयार कर सरकारी निस्क्रांत भूमि पर षड्यंत्र के तहत एलडीए से नक्शा पास कराया। इसके बाद अवैध निर्माण कर कब्जा कर लिया है।
आरोप लगाया गया कि जियामऊ स्थित जमीन मो. वसीम के नाम से दर्ज थी। बाद में वसीम पाकिस्तान चला गया, लिहाजा वह जमीन सरकार में निष्क्रांत संपत्ति के रूप में दर्ज हो गई। बाद में उक्त जमीन बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के लक्ष्मी नारायण के नाम दर्ज हो गई और इसके बाद कृष्ण कुमार के नाम। आरोप है कि उमर, अब्बास और मुख्तार अंसारी ने साजिश रचकर जमीन हड़प ली। आरोप लगाया गया कि माफिया मुख्तार अंसारी ने दबाव डालकर अपने व अपने बेटों के नाम से शत्रु संपत्ति को दर्ज करा लिया।