भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वित्तीय कार्रवाई बल की प्राथमिकताओं का अनुमोदन किया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने धन शोधन, आतंकवाद तथा जन-संहारक हथियारों के लिए वित्त पोषण को रोकने के लिए बने अंतरराष्ट्रीय गठबंधन-वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) को भारत की ओर से सभी आवश्यकता संसाधन और सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।
श्रीमती सीतारमण ने इस गठबंधन में शामिल देशों के वित्त मंत्रियों वाशिंगटन में हुयी बैठक में गुरुवार को हिस्सा लिया।
विश्व बैंक-अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की ग्रीष्मकालीन बैठक के समय ही आयोजित इस बैठक में श्रीमती सीतारमण ने कहा कि भारत एफएटीएफ की रणनीतिक प्राथमिकताओं का समर्थन करता है।
नयी दिल्ली में वित्त मंत्रायल द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार वित्त मंत्री ने वाशिंगटन में एफएटीएफ के मंत्रियों की बैठक में कहा कि भारत धन शोधन, आतंकवाद के वित्तपोषण और जन-संहारक हथियारों के लिए धन की उपलब्धता को रोकने में एक वैश्विक गठबंधन के रूप में एफएटीएफ के प्रयासों के लिए आवश्यक संसाधन और सहायता देने को प्रतिबद्ध है।
एफएटीएफ ने वर्ष 2022-24 के लिए अपना नेटर्वक मजबूत करने, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वामित्व के वास्तविक लाभार्थी की पहचान तथा अपराधियों से संपत्ति की वसूली अधिक कारगर क्षमता बढ़ाने के काम को प्राथमिकता पर रखा है।
श्रीमती सीतारमण इस समय आईएमएफ-विश्व बैंक की बैठकों के सिलसिले में वाशिंगटन में हैं। इस अवसर पर वहां जी-20 समूह के वित्त मंत्रियों और केंद्रिय बैंकों के प्रमुखों की बैठकें भी आयोजित की गयी हैं।
वित्त मंत्री ने वाशिंगटन प्रवास में गुरुवार को अमेरिकी कारपोरेट जगत के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। उनसे मिलने वालों में लॉजिस्टिक्स सेवा कंपनी फेडएक्स के अध्यक्ष एवं चयनित मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज सुब्रमण्यम तथा मास्टरकार्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइकल मेबैक भी थे।
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत को लेकर उन्हें बड़ी उम्मीदें हैं और कंपनी ने वहां विस्तार की महत्वपूर्ण योजना बनायी है, जिसमें कौशल विकास की योजना भी शामिल है।
वित्त मंत्री ने मास्टरकार्ड के श्री मेबैक को बताया कि भारत सरकार वित्तीय समावेश के प्रतिबद्ध है और देश में विकसित विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी समाधान के जरिए महिलाओं और लघु एवं मझोली इकाइयों की वित्तीय मदद पर ध्यान दे रही है।
मास्टरकार्ड के अधिकारी ने बताया कि उनकी कंपनी भारत में एक विशाल डाटा केंद्र स्थापित कर चुकी है और अब वह छोटी उद्यमों के प्रशिक्षिण और डिजिटलीकरण पर ध्यान दे रही है।
डेलॉयट वैश्विक के सीईओ पुनित रेंजेन ने भी श्रीमती सीतारमण से मुलाकात की।उन्होंने बताया कि उनकी कंपनी भारत के कोयंबटूर और भुवनेश्वर जैसे छोटे शहरों में भी अपना कार्यक्षेत्र फैला रही है। डेलॉयट भारत में ग्रामीण क्षेत्रों की गरीब आबादी तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ भारत की कार्रवाई में योगदान के लिए प्रतिबद्ध है।