23 November, 2024 (Saturday)

इमरान सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बना पाकिस्तान का ऊर्जा संकट, 0 डिग्री तापमान में सड़कों पर उतरे लोग

पाकिस्तान में गैस संकट के चलते देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। पाकिस्तान अभूतपूर्व गैस संकट का सामना कर रहा है और देश में गैस संकट एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगले महीने कराची से इस्लामाबाद तक विपक्षी दलों द्वारा इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ मार्च में गैस संकट एक अहम मुद्दा रहेगा। ऊर्जा की लगातार और लंबी कमी के कारण आम घरों के साथ-साथ उद्योगों को उत्पादन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे निर्यात पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

ईंधन की कमी के कारण शुरू हुए विरोध

इनसाइडओवर ने एक रिपोर्ट में बताया कि पाकिस्तान में अभूतपूर्व बिजली संकट, कुप्रबंधन और वसूली योजना की कमी देश को आर्थिक आपदा की ओर धकेल रही है। गैस, बिजली और पेट्रोलियम उत्पादों की बाधित आपूर्ति देश के विभिन्न प्रांतों की सरकारों और इस्लामाबाद की संघीय सरकार के बीच परेशानी का कारण बन रही है। पाकिस्तान के कई शहरों में प्राकृतिक गैस की कमी और लंबे समय तक बिजली कटौती को लेकर लोगों के विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पूरे पाकिस्तान में कई घंटों से बिजली उपलब्ध नहीं है।

शून्य तापमान में भी सड़कों पर विरोध कर रहे लोग

खैबर पख्तूनख्वा में बिजली की कमी के कारण लोगों को 18 घंटों तक बिजली के बिना रहना पड़ रहा है। बिजली आने पर वोल्टेज काफी कम रहता है जिससे लोगों को पीने का पानी निकालने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते देश में लगातार विरोध हो रहे है, जिसमें महिलाएं सड़कों पर इकट्ठा होकर और रास्ते को जाम करके अपना गुस्सा जाहिर कर रही हैं। इनसाइडओवर ने रिपोर्ट में आगे बताया कि गिलगित-बाल्टिस्तान में भी लंबे समय तक बिजली की कमी और खाद्य आपूर्ति की कालाबाजारी को लेकर लोग शून्य से नीचे तापमान में भी सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहे हैं। गिलगित-बाल्टिस्तान स्थित अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) ने इसे लोगों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने में पाकिस्तान राज्य की असफलता बताया है।

ईंधन की कमी के लिए ऊर्जा मंत्रालय जिम्मेदार

सिंध सरकार ने एक संवैधानिक अनुच्छेद लागू किया और इस्लामाबाद सरकार को गैस वितरण प्रणाली को संभालने की चेतावनी दी। देश में कुल प्राकृतिक गैस का 2/3 से अधिक उत्पादन करने वाला प्रांत गैस की कमी से जूझ रहे हैं। सिंध प्रांत के ऊर्जा मंत्री इम्तियाज शेख ने इस्लामाबाद सरकार को पत्र में लिखा कि घरों में खाना पकाने के लिए गैस नहीं हैं, गैस के कम दबाव के कारण उद्योग बंद हो रहे हैं और आने वाले कई महीनों के लिए सीएनजी स्टेशन बंद हैं। गैस की कमी से कारोबारियों को भी नुकसान हो रहा है। आल पाकिस्तान टेक्सटाइल मिल्स एसोसिएशन के कार्यकारी निदेशक शाहिद सत्तार ने कहा कि ईंधन की कमी से एक महीने में 250 मिलियन अमरीकी डालर का निर्यात खो गया, जिसने 15 दिनों के लिए मिलें बंद करनी पड़ी।

विपक्षी पार्टियां भी विरोध में शामिल

इनसाइडओवर ने बताया कि ऊर्जा मंत्रालय की आपूर्ति की व्यवस्था करने में असमर्थता के कारण देश में ईंधन आपूर्ति की कमी है। इससे पाकिस्तान के निर्यात और अर्थव्यवस्था के भविष्य को नुकसान पहुंच रहा है।2021 की गर्मियों में बिजली की कमी 6 हजार मेगावाट तक पहुंच गई थी, जिसके कारण पूरे पाकिस्तान में लंबे समय तक लोड-शेडिंग हुई थी। हालांकि दिसंबर 2021 में पाकिस्तान ने अतिरिक्त राजस्व अर्जित करने के लिए बिजली दरों में अतिरिक्त 4.74 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की। इसके बाद खान सरकार ने पेट्रोलियम की कीमतों में भी वृद्धि की। प्रमुख विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने इसे आर्थिक हत्या करार दिया था। कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेआई) भी सड़कों पर हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहा है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *