23 November, 2024 (Saturday)

कांग्रेस ने सरकारी कंपनी सीईएल के विनिवेश पर उठाया सवाल, कहा- कम कीमत पर निजी कंपनी को सौंपा गया

सीईएल विनिवेश से जुड़े कागजात के साथ प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया कि वैल्यूएशन के अलग-अलग मानकों के हिसाब से इस कंपनी का आधार मूल्य 957 करोड़ से लेकर 1600 करोड़ रुपए था लेकिन सरकार ने नंदाल फाइनेंस एंड लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड को केवल 210 करोड़ रुपये में बेच दिया जो उसके मौजूदा मूल्य का केवल 20 फीसद ही है।

गौरव वल्लभ के अनुसार सरकारी प्रक्रिया में सब कुछ दुरुस्त दिखाने के लिए सरकार ने कंपनी को बेचने के लिए आधार मूल्य 194 करोड़ तय किया और नंदाल फाइनेंस ने इसे 210 करोड़ की बोली लगाकर खरीद लिया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सच्चाई यह है कि जिस रकम में सीईएल को निजी कंपनी के हाथों में सौंपा गया है वह इस कंपनी की केवल जमीन की वैल्यू का महज 44 फीसद है। गाजियाबाद में यूपीएसआइडीसी के सर्किल रेट के हिसाब से कंपनी की जमीन का मूल्य ही 440 करोड़ रुपये है।

गौरव वल्लभ ने कहा कि एयर इंडिया के बाद सीईएल सरकारी कंपनी को सीधे बेचे जाने का दूसरा मामला है और जिस निजी कंपनी के हाथों में इसे सौंपा गया है उसके मालिकों का भाजपा के साथ सीधा जुड़ाव है।

उनका कहना था कि यह भी आश्चर्य की बात है कि लाभकारी सीईएल को खरीदने वाली निजी कंपनी में केवल 10 कर्मचारी हैं और उसके खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय ट्रिब्यूनल में मामला चल रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि नंदाल फाइनेंस एंड ली¨जग कंपनी की 99.96 प्रतिशत शेयर हिस्सेदारी प्रीमियर फर्नीचर एंड इंटीरियर्स प्राइवेट लिमिटेड के पास है जिसका सीईएल से जुड़े कारोबार से न कोई सरोकार है और न जुड़ाव। ऐसे में सरकार को सीईएल के विनिवेश के इस फैसले पर तत्काल रोक लगानी चाहिए।

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