लाल किले का मालिकाना हक मांगने आई महिला की याचिका खारिज; जानें हाई कोर्ट ने क्या कहा
ऐतिहासिक लाल किले के कानूनी वारिस होने का दावा करने का रोचक मामला सामने आया है। दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट में सोमवार को एक महिला ने लाल किला पर मालिकाना हक जताते हुए याचिका दायर कर दी। उक्त महिला ने खुद को मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के पड़पौत्र की विधवा बताया था।
याचिका में उसने लाल किले का मालिकाना हक की मांग की। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने पहली ही सुनवाई में इस याचिका को निरस्त कर दिया। याचिकाकर्ता सुल्ताना बेगम ने कहा कि वह बहादुर शाह जफर के पड़पौत्र मिर्जा मुहम्मद बेदार बख्त की पत्नी हैं। मिर्जा का निधन 22 मई, 1980 को गया था। महिला ने कहा कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अवैध तरीके से लाल किले को अपने कब्जे में लिया था।
मुगल शासक ने जबरन छीने थे अधिकार – महिला का दावा
महिला ने कहा कि मुगल शासक से मनमाने तरीके से जबरन उनके अधिकार छीन लिए थे। महिला ने कहा कि उसे लाल किले का मालिकाना हक सौंपा जाए। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने कहा कि मेरा इतिहास का ज्ञान बेहद कमजोर है, लेकिन आपने दावा किया कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1857 में आपके साथ अन्याय किया। फिर इसमें 150 वर्षो की देरी क्यों हुई। इतने सालों तक आप क्या कर रही थीं। पीठ ने कहा कि 150 से अधिक वर्षो के बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का औचित्य नहीं है। यह कहते हुए महिला की याचिका को खारिज कर दिया।
लालकिला में अत्याधुनिक विजिटर सेंटर बनकर तैयार
लालकिला में अत्याधुनिक विजिटर सेंटर बनकर तैयार हो गया है। दिल्ली के किसी भी स्मारक में यह पहला विजिटर सेंटर है जिसे आधुनिक तरीके से तैयार किया गया है। यहां एक ही जगह पर पर्यटक पूरे लालकिला को देख सकेंगे। लालकिला के इतिहास से लेकर निर्माण शैली और संस्कृति का पर्यटक दीदार कर सकेंगे। इसे लालकिला परिसर में स्थित पुरानी बैरक में बनाया गया है। लगभग चार साल की मेहनत के बाद इसे डालमिया कंपनी ने तैयार किया है।