24 November, 2024 (Sunday)

अफोर्डेबल हाउसिंग में लाखों करोड़ निवेश की संभावनाएं, करीब 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावनाओं वाला है यह सेक्टर

देश में जिस स्तर पर अफोर्डेबल हाउसिंग यानी किफायती घरों की जरूरत और मांग है, उसे देखते हुए अगले कुछ समय के दौरान इस सेक्टर में लाखों करोड़ रुपये निवेश की संभावनाएं हैं। प्रापर्टी कंसल्टेंसी कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा है कि शहरी इलाकों में करीब 3.5 करोड़ गुणवत्तापूर्ण आवासों की जरूरत है। इस लिहाज से देखें तो अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर में करीब 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावनाएं हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों का हवाला देते हुए नाइट फ्रैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया की 7.9 अरब आबादी में से करीब 4.5 अरब लोग शहरी इलाकों में रहते हैं। वहीं, भारत में शहरी आबादी का 35 प्रतिशत हिस्सा निम्न-गुणवत्ता वाले घरों में रहता है। ऐसे में देश को करीब 3.5 करोड़ गुणवत्तापूर्ण घरों की जरूरत है। इनमें से करीब दो करोड़ आवास आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, 1.4 करोड़ आवास निम्न आय वर्ग और एक करोड़ आवास निम्न-मध्यम वर्ग के लिए होगी।

नाइट फ्रैंक के अनुसार इतने बड़े पैमाने पर घर बनाने के लिए 1,658 करोड़ वर्गफीट भूमि की जरूरत होगी। इन घरों के निर्माण पर करीब 34.56 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी, जबकि भूमि अधिग्रहण एवं अन्य जरूरतों के लिए 10.36 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी। कुल मिलाकर कहें तो भारत में सभी जरूरतमंदों को आवास मुहैया कराने के लिए करीब 45 लाख करोड़ रुपये के भारी निवेश की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में निजी फंड हाउस और अन्य निवेशकों के लिए इस क्षेत्र में निवेश का बेहतरीन मौका है।

नाइट फ्रैंक के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (रिसर्च, एडवाइजरी, इन्फ्रास्ट्रक्चर व वैल्यूएशन) गुलाम जिया ने कहा कि वर्ष 2011 से ही भारत के किफायती आवास क्षेत्र में 259.7 करोड़ डालर का निजी निवेश आ चुका है। कंपनी का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक भारत की 40 प्रतिशत से भी अधिक आबादी शहरी इलाकों में रह रही होगी, जो अभी 35 प्रतिशत है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *