पुराने से पुराना कब्ज दूर करने का बहुत ही आसान और असरदार उपाय है एनिमा, मुफ्त होता है ये इलाज
कब्ज एक ऐसी समस्या है जो अन्य कई बीमारियों की वजह बन सकता है इसलिए इसे हल्के में लेने की गलती बिल्कुल न करें और न ही इसे दूर करने के लिए लंबे समय तक दवाओं पर निर्भर रहने की। मल करते वक्त खून आना, पेट दर्द, मल के बाद जलन और बहुत ज्यादा दर्द हो तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा एक और तरीका है जिसके द्वारा पुराने से पुराना कब्ज दूर किया जा सकता है वो भी बड़ी ही आसानी है जो है एनिमा। इस क्रिया द्वारा आंतों को साफ करके बॉडी के भीतर पेट की वजह से पनपने वाले कई रोगों को बढ़ने से रोका जा सकता है। आंतों के साथ-साथ इससे ब्लड भी साफ होता है। पेट की गड़बड़ी से होने वाले मुंह के छाले भी इस क्रिया के बाद नहीं होते। तो आइए विस्तार से जानते हैं एनिमा क्रिया के बारे में और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें।
क्या है एनिमा
एनिमा एक आयुर्वेदिक तरीका है जिसका इस्तेमाल आंतों की सफाई के लिए किया जाता है। इसमें इंजेक्शन की मदद से मल द्वार के अंदर तेल डाला जाता है जो 6 से 8 मिनट तक अंदर रहने के बाद धीरे-धीरे बाहर आ जाता है, इससे पेट के भीतर जमा पुराना और कड़ा मल बड़ी ही आसानी से बाहर आ जाता है। एनिमा विधि से गहराई से और अच्छी तरह से आंतों की सफाई हो जाती है, जो स्वस्थ रहने के लिए बेहद जरूरी है।
एनिमा के दौरान सावधानियां
एनिमा बेशक कब्ज दूर करने का आसान और प्रभावी तरीका है लेकिन इस दौरान आपको कुछ जरूरी सावधानियां भी बरतना चाहिए।
एनिमा कराने से पहले भोजन में खिचड़ी, पुलाव, दलिया या सलाद खाना चाहिए न कि गरिष्ठ भोजन।
– एनिमा के बाद भी ऐसा ही हल्का-फुल्का भोजन करना चाहिए। खिचड़ी हर प्रकार से उत्तम भोजन है। हां अगले दिन रोटी, सब्जी, दाल खा सकते हैं।
कितनी बार करा सकते हैं एनिमा?
कब्ज से बहुत ज्यादा परेशान हैं तो महीने में 2 से 3 इसे करवाया जा सकता है, क्योंकि बहुत से लोगों पर एक बार में एनिमा का कुछ खास फायदा नहीं होता। सही तरीके से आंतों को सफाई नहीं हो पाती।
मुफ्त है यह इलाज
एनिमा ट्रीटमेंट आयुर्वेदिक अस्पतालों में बिल्कुल मुफ्त होती है। शायद ही कोई ऐसा आयुर्वेदिक अस्पताल होगा, जहां एनिमा की सुविधा न हो और ये मुफ्त न हो। सरकारी अस्पतालों में भी ये मुफ्त होता है। अगर ऐसा न हो तो आप इसकी शिकायत भी कर सकते हैं।