23 November, 2024 (Saturday)

Home-Car लोन होगा सस्‍ता या नहीं, जानिए मौद्रिक नीति से पहले क्‍या है एक्‍सपर्ट की राय

वैश्विक स्तर पर जिंसों की बढ़ती कीमतों और मुद्रास्फीति को घरेलू स्तर पर नियंत्रित करने की जरूरत के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (Indian Reserve Bank) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन द्विमासिक बैठक बुधवार को शुरू हुई। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार को छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति के फैसले की घोषणा करेंगे। इस बीच, HDFC Bank के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ का मानना है कि रिजर्व बैंक अपनी चौथी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में प्रमुख ब्याज दरों को अपरिवर्तित छोड़ सकता है।

RBI के दर-निर्धारण समिति एमपीसी ने तीन दिवसीय विचार-विमर्श शुरू किया। लगातार दो महीने से मुद्रास्फीति अपने लक्ष्य से ऊपर रहने के बीच केंद्रीय बैंक शुक्रवार को चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। महामारी की पहली लहर के बीच 22 मई, 2020 को रेपो दर में 0.4 प्रतिशत कटौती के बाद से केंद्रीय बैंक ने पिछली आठ समीक्षाओं में नीतिगत दरों को यथावत रखा हुआ है।

विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक लगातार आठवीं बार नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगा। इस समय रेपो दर चार प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत है। पीडब्ल्यूसी इंडिया में लीडर (सार्वजनिक वित्त एवं अर्थव्यवस्था) रानेन बनर्जी ने कहा कि 2022 की पहली छमाही तक मुद्रास्फीति कम न होने पर संभावित कार्रवाइयों से जुड़े अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन के बयान से एमपीसी के रुख पर असर पड़ेगा क्योंकि समिति मुद्रास्फीति के मोर्चे पर भी चिंतित होगी। चूंकि तेल, प्राकृतिक गैस और कोयले की कीमतों में कोई कमी नहीं दिख रही है और इसके बजाय यह ऊपर की ओर ही जा रहा है।”

ब्रिकवर्क रेटिंग्स के मुख्य आर्थिक सलाहकार एम गोविंदा राव ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जुलाई के 5.59 प्रतिशत से घटकर अगस्त में 5.3 प्रतिशत हो गयी। महामारी के कारण प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के साथ आपूर्ति की स्थिति में सुधार हुआ है और क्षमता के इस्तेमाल में इस समय सुधार हो रहा है। ऐसे में एमपीसी पर ब्याज दरों में बदलाव या समायोजन के रुख को बदलने का कोई तत्काल दबाव नहीं है।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *